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”बजट सत्र में पारित होगा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति विधेयक”

नयी दिल्ली : सरकार श्रम सुधारों को आगे बढ़ाते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति विधेयक को संसद के बजट सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. इस संहिता को लोकसभा में 23 जुलाई, 2019 को पेश कर दिया गया था. इसके पारित […]

नयी दिल्ली : सरकार श्रम सुधारों को आगे बढ़ाते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति विधेयक को संसद के बजट सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. इस संहिता को लोकसभा में 23 जुलाई, 2019 को पेश कर दिया गया था. इसके पारित होने से कामगारों का कवरेज दायरा कई गुणा बढ़ जाने तथा 13 केंद्रीय श्रम कानूनों के बदले एक संहिता के अमल में आने का अनुमान है. यह संहिता ऐसे सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगी, जिसमें 10 या इससे अधिक कर्मचारी हों.

मंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि हम निश्चित तौर पर बजट सत्र में व्यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल परिवेश संहिता को लायेंगे. संसद की स्थायी समिति ने संहिता पर लोगों से टिप्पणियां मंगायी है. संसद का बजट सत्र जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि सरकार को श्रम सुधार की प्रक्रिया में मानदेय संहिता पर पहले ही संसद की मंजूरी मिल चुकी है. इसके बाद व्यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति संहिता की बारी है. सरकार 44 श्रम कानूनों को मिलाकर चार श्रम संहिता बनाना चाहती है.

गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी संहिता यानी सामाजिक सुरक्षा संहिता के बारे में अवगत कराया जा चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार चारों नयी संहिताओं को जल्द से जल्द अमल में लाना चाहती है. सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक संबंध को लेकर शेष दो संहिताओं के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि श्रम संबंधी मुद्दों पर कानून का मसौदा तैयार करने की त्रिकोणीय प्रक्रिया है. हम कुछ भी हड़बड़ी में नहीं करना चाहते हैं. विमर्श जारी है. हम इसे शीघ्र ही संसद में पेश करना चाहते हैं.

गंगवार ने इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ईएसआईसी ने 102 निर्दिष्ट नये क्रियान्वयित जिलों में लाभार्थियों को चिकित्सा बीमा का लाभ देने के लिए आयुष्मान भारत योजना के साथ भागीदारी की है. उन्होंने कहा कि ईएसआईसी ने अस्पताल खोलने के प्रावधानों को भी नरम बना दिया है. अब उन जगहों पर भी 30 बिस्तरों वाला अस्पताल खोला जा सकता है, जहां बीमा के 20 हजार लाभार्थी हों.

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