38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, कम आयात की जाने वाली वस्तुओं की पहचान करें

नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने दूरसंचार और कृषि समेत सभी मंत्रालयों और विभागों से उन उत्पादों को चिह्नित करने को कहा है, जिनका आयात कम किया जा सकता है अथवा जिस आयात का विकल्प देश में उपलब्ध है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले कई महीनों […]

नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने दूरसंचार और कृषि समेत सभी मंत्रालयों और विभागों से उन उत्पादों को चिह्नित करने को कहा है, जिनका आयात कम किया जा सकता है अथवा जिस आयात का विकल्प देश में उपलब्ध है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले कई महीनों से इस मुद्दे पर कई बैठकें की हैं और सभी मंत्रालयों से इस मुद्दे पर काम करने को कहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स, भारी उद्योग और लोक उपक्रम, उर्वरक, सूचना प्रौद्योगिकी और औषधि समेत अन्य मंत्रालयों से उत्पादों को चिह्नित करने को कहा है, जिनके आयात में कमी लायी जा सकती है.

गौरतलब है कि भारत का आयात 2018-19 में नौ फीसदी बढ़कर 507.5 अरब डॉलर रहा, जो 2017-18 में 465.6 अरब डॉलर था. आयात किये जाने वाले प्रमुख जिंसों में कच्चा तेल, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, दालें, उर्वरक, मशीनी औजार और औषधि उत्पाद शामिल हैं. ऊंचे आयात बिल से व्यापार घाटा बढ़ता है, जिससे चालू खाते के घाटे पर असर पड़ता है. अधिक आयात से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने से देश के ऊंचे आयात बिल में कमी लाने में मदद मिलेगी. भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने कहा कि आयात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को खपत पर अंकुश लगाने की बजाय घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया कि लक्जरी ओर गैर-जरूरी जिंसों पर आयात शुल्क में वृद्धि की जा सकती है. इसके अलावा, भारत को उन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते से बचना चाहिए, जिनके साथ हमारा व्यापार घाटा अधिक है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें