नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मेजबानी कंपनी ओयो को कोई भी नोटिस जारी करने, उसका बहिष्कार करने या उसपर प्रतिबंध लगाने से विभिन्न होटल मालिक एसोसिएशनों को रोक दिया है. अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि होटल मालिक एसोसिएशंस की कार्रवाई अन्य होटल मालिकों और सेवा प्रदाताओं को ओयो के नाम से काम कर रही कंपनी ओरावेल स्टेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुए समझौते का उल्लंघन करने को मजबूर कर रही है. अदालत ने एसोसिएशन को नोटिस जारी करने के साथ ही इस मामले को सुनवाई के लिए पांच अगस्त को सूचीबद्ध कर दिया.
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अदालत ने कहा कि ओयो का अन्य होटल मालिकों और सेवा प्रदाताओं के साथ वैध समझौता है और एसोसिएशनों द्वारा कंपनी के बहिष्कार का आह्वान पहली नजर में अवैध/गैरकानूनी होगा. न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि पहली नजर में ओयो मामला बनाकर पेश करने में सफल रहा है. बचाव पक्ष (होटल मालिक एसोसिएशन) को अगले आदेश तक नोटिस जारी करने, उसका बहिष्कार करने या उसपर प्रतिबंध लगाने से रोका जाता है. बचाव पक्ष पहले से जारी किसी नोटिस को लागू करने के लिये भी दबाव नहीं बनायेगा.
ओयो ने एसोसिएशन और उसके सदस्यों द्वारा बगैर तारीख वाले नोटिस के माध्यम से किसी भी तरह की धमकी देने पर एकतरफा रोक लगाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. अदालत ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा कथित रूप से जारी नोटिस के अवलोकन से पता चलता है कि उसने 20 जून से ओयो का बहिष्कार करने और उसके कमरों को ब्लाक करने जैसा कदम उठाकर सभी होटलों से ओयो के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध का समर्थन करने का आह्वान किया है.