25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

हॉकी विश्व लीग फाइनल : जर्मनी को 2-1 से रौंदकर भारत ने कांस्य पदक जीता

भुवनेश्वर : खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में दर्शकों के अपार समर्थन से ऊर्जा लेती भारतीय टीम ने रविवार को यहां फिटनेस समस्या से जूझ रहे जर्मनी को 2-1 से हराकर हॉकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक बरकरार रखा. भारत के लिये एस वी सुनील (21वां) और हरमनप्रीत सिंह (54वां) ने गोल किये जबकि जर्मनी […]

भुवनेश्वर : खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में दर्शकों के अपार समर्थन से ऊर्जा लेती भारतीय टीम ने रविवार को यहां फिटनेस समस्या से जूझ रहे जर्मनी को 2-1 से हराकर हॉकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक बरकरार रखा. भारत के लिये एस वी सुनील (21वां) और हरमनप्रीत सिंह (54वां) ने गोल किये जबकि जर्मनी के लिये एकमात्र गोल मार्क एपेल ने किया जो मूलत: गोलकीपर हैं लेकिन सेंटर फारवर्ड खेलने को मजबूर थे.

जर्मनी के खिलाडियों के फिटनेस समस्याओं के कारण उसे अपनी बेंच स्ट्रेंथ के साथ उतरना पड़ा. भारत ने पिछली बार रायपुर में हुए टूर्नामेंट में भी कांसे का तमगा जीता था. बारिश से प्रभावित सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से एक गोल से हारने के बाद भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया किस्मत ने भी जर्मन टीम का साथ नहीं दिया जिसके लिये 11 खिलाड़ी भी मैदान पर उतारना मुश्किल हो गया था. उसके चार खिलाडियों को सेमीफाइनल से पहले ही बुखार हो गया था. इस मैच में जर्मनी को सात पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन एक भी गोल में नहीं बदल सका.

ग्रुप चरण में जर्मनी ने भारत को 2-0 से हराया था. केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड की उपस्थिति में भारतीय टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया. पहले हाफ में जर्मनी ने आक्रामक शुरुआत की और दोनों क्वार्टर मिलाकर छह पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन गोल में नहीं बदल सकी. भारतीय गोलकीपर सूरज करकेरा को भी दाद देनी होनी जिन्होंने कई बेहतरीन शाट बचाये. चौथे ही मिनट में मार्क एपेल ने कप्तान मैट्स ग्रामबुश को सर्कल के भीतर गेंद सौंपी लेकिन उनके शाट को सूरज ने बखूबी बचाया. जर्मनी को पहला पेनल्टी कार्नर 14वें मिनट में मिला जिस पर निकलस ब्रून्स पहले और रिबाउंड शाट पर भी गोल नहीं कर सके. इसके पांच मिनट बाद मिले दो पेनल्टी कार्नर भी बेकार गये. भारत ने जवाबी हमले पर आक्रामक मूव बनाया और सर्कल के भीतर गेंद लेकर अनुभवी स्ट्राइकर एस वी सुनील आगे निकले और इस बार गोल करने में कोई चूक नहीं की.

उधर जर्मनी का पेनल्टी कार्नर चूकने का सिलसिला जारी रहा और ब्रेक से पहले उसने तीन और मौके गंवाये. भारत की बढ़त दुगुनी हो जाती लेकिन ब्रेक से पांच मिनट पहले सर्कल के भीतर सुमित और आकाशदीप से मिली गेंद पर सुनील का निशाना चूक गया. ब्रेक के बाद तीसरे ही मिनट में आकाशदीप का गोल के सामने से सीधा शाट जर्मन गोलकीपर तोबियास वोल्टर ने बचा लिया.

जर्मनी के लिये बराबरी का गोल तीन मिनट बाद एपेल ने किया जो मूलत: गोलकीपर हैं लेकिन इस मैच मे उन्हें बतौर सेंटर फारवर्ड खेलना पड़ा. ब्रून्स ने सर्कल के भीतर कप्तान मैट्स को गेंद सौंपी जिससे मिले पास पर एपेल ने गोल दागा. इस बीच जर्मनी को कुछ मिनट नौ खिलाडियों के साथ खेलना पड़ा जब डैन एंगुयेन को हरा कार्ड दिखाया गया.

भारत को मैच का पहला पेनल्टी कार्नर 41वें मिनट में मिला. आखिरी क्वार्टर में भारत ने जबर्दस्त आक्रामक खेल दिखाते हुए दो मिनट के भीतर तीन पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिसमें से तीसरे पर हरमनप्रीत सिंह ने गोल करके भारत को बढ़त दिला दी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें