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हाइट बढ़ाने के लिए करें ताड़ासन

डॉ रमेश पुरी योग विशेषज्ञ ओशोधारा, सोनीपत आजकल शहरों में रहनेवाले ज्यादातर लोग दफ्तर में 10 से 12 घंटे काम करते हैं. इस कारण एक ही जगह कुर्सी पर बैठे-बैठे शरीर पूरी तरह से अकड़ जाता है और थकान महसूस होती है. यदि कोई व्यायाम करना भी चाहता हो, तो पर्याप्त जगह की व्यवस्था नहीं […]

डॉ रमेश पुरी
योग विशेषज्ञ
ओशोधारा, सोनीपत
आजकल शहरों में रहनेवाले ज्यादातर लोग दफ्तर में 10 से 12 घंटे काम करते हैं. इस कारण एक ही जगह कुर्सी पर बैठे-बैठे शरीर पूरी तरह से अकड़ जाता है और थकान महसूस होती है. यदि कोई व्यायाम करना भी चाहता हो, तो पर्याप्त जगह की व्यवस्था नहीं होने से इच्छाशक्ति कमजोर हो जाती है.ऐसे में एक आसन जिसे कोई भी कहीं भी कम-से-कम जगह में कर सकता है, वह है ताड़ासन.
– नियम: किसी भी योगासन के पहले इन नियमों का पालन आवश्यक है. योगासन बहुत ही धीमी गति से, ढीले कपड़े पहनकर, सुख व आनंद की अनुभूति करते हुए करें.
योगासन खाली पेट सुबह के समय, शौच के बाद अथवा आहार के 4 घंटे बाद करें. सूर्योदय के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद का समय, जब प्राण वायु ऑक्सीजन एवं प्राण शक्ति, वायुमंडल में सबसे अधिक होती है योग करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.
खुली हवा में अथवा हवादार कमरे में आसन किया जाना चाहिए. श्वास-प्रश्वास पर ध्यान रखा जाना चाहिए. सर्व साधारण नियम है कि जब हम शरीर फैलाते हैं, श्वास अंदर लें और जब शरीर सिकोड़ते हैं, तो सांस बाहर फेंके. जहां समझ में न आये, स्वाभाविक श्वास लें. योगासन करते समय जमीन के ऊपर मोटी दरी या चादर बिछा लें.
– विधि: दोनों पैरों को मिलाकर, हाथों को इंटरलॉक करते हुए, सांस भरें और तानकर ऊपर ले जाएं. भुजाएं बिल्कुल सीधी और कानों के साथ लगा कर हाथों को ऊपर की ओर तानें, पूरी शक्ति लगा कर एड़ियाें को ऊपर उठाएं. आंखें खोल कर सामने की ओर देखें. कुछ देर यथाशक्ति रुकें. फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को ताने हुए सामने की ओर से अथवा दायें-बायें से नीचे की ओर ले आएं. इसे दो बार करें.
– लाभ : शरीर की सभी मांसपेशियां लचीली और सभी जोड़ सक्रिय होते हैं. पैरों, एड़ियाें, घुटनों की पीड़ा व साइटिका की पीड़ा दूर होती है. कंधों की पीड़ा ठीक होती है. कोहनियों की पीड़ा समाप्त होती है. हाथों की कंपन दूर होती है. बढ़ते हुए बच्चों की लंबाई बढ़ती है.
ऐसा कहा जाता है कि 18 साल की उम्र के बाद हाइट नहीं बढ़ती, लेकिन ताड़ासन 23 साल की उम्र तक हाइट बढ़ाने में मददगार होता है. ताड़ासन बच्चों की ग्रोथ बढ़ाने में अहम योगदान देता है. सुस्ती आलस्य दूर होता है. विद्यार्थियों के लिए विशेष लाभकारी आसन. पूरे शरीर के जोड़, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर ऊपर की ओर उठता है. वेरीकोस वेंस व टांगो की पीड़ा ठीक होती है. शरीर की सभी प्रणालियां सक्रिय हो जाती हैं और सभी चक्र भी प्रभावित होते हैं. इस आसन को करने से नाभि व छाती के सभी प्रकार के रोग नष्ट होते हैं.
इस योग को करने से स्लिप डिस्क होने की संभावना कम हो जाती है. शरीर का संतुलन बढ़ता है. यह आसन हृदय रोगियों के लिए भी लाभदायक है. पाइल्स रोगियों को ताड़ासन करने से बहुत लाभ मिलता है. आसन को नियमित करने से गठिया रोग दूर हो जाता है. ताड़ासन योग करने से प्रसव पीड़ा नहीं होती. ताड़ासन करने से गर्भवती महिलाओं को थकान नहीं होती, स्फूर्ति बनी रहती है. नियमित अभ्यास से पंजे भी मजबूत होते हैं.
सावधानी : गर्भवती महिलाएं यह आसन 5 महीनें तक ही करें, उसके बाद यह आसन न करें. हाथों व पैरों में कोई गंभीर समस्या हो, तो इस आसन को न करें. लो ब्लड प्रेशर वाले इसका अभ्यास न करें. जिन्हें घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द हो, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए.

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