28.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

प्रोबायोटिक मॉनसून में भी फायदेमंद, जानें इससे होने वाले लाभ

डॉ प्रदीप्त शेट्टी निदेशक गौस्ट्रोंलॉजी, मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता तपती गर्मी के बाद मानसून की फुहारें हर किसी के चेहरे पर चमक और होठों पर मुस्कान ला देती हैं. हालांकि, इस मौसम में सावधानी न बरती जाये, तो कई बीमारियां भी दस्तक दे सकती हैं. बरसात के दिनों में बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और वायरस का […]

डॉ प्रदीप्त शेट्टी

निदेशक गौस्ट्रोंलॉजी, मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता
तपती गर्मी के बाद मानसून की फुहारें हर किसी के चेहरे पर चमक और होठों पर मुस्कान ला देती हैं. हालांकि, इस मौसम में सावधानी न बरती जाये, तो कई बीमारियां भी दस्तक दे सकती हैं. बरसात के दिनों में बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और वायरस का बोलबाला रहता है. इसलिए आपको अन्य बीमारियों से बचाव के साथ अपने पेट का विशेष ध्यान रखना होगा. मानसून में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है और पाचन शक्ति भी मंद हो जाती है. इससे हम आसानी से इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं. वातावरण में नमी बैक्टीरिया को तेजी से जन्म देता है. इससे पानी और भोजन दोनों दूषित हो सकते हैं. इसलिए डॉक्टर पानी उबाल कर और खाना ताजा गर्म खाने की सलाह देते हैं.
पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. इससे टॉक्सिन्स मल-मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाते हैं. उबाला हुआ पानी आरओ/फिल्टर जितना ही सुरक्षित होता है. मानसून में प्रोबायोटिक फूड अवश्य लें. दही, चीज, फर्मेंटेड फूड आदि फायदेमंद होते हैं. प्रोबायोटिक फूड में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट को सही रखते हैं. इनके सेवन से इम्यून सिस्टम इम्प्रूव होता है और पोषक तत्वों के शरीर में अवशोषण तेजी से होता है. इस मौसम में हर्बल टी बहुत फायदेमंद है. कैमोमाइल टी, ग्रीन टी या घरेलु अदरक-नीबू की चाय भी पाचन और इम्यूनिटी सिस्टम को इंप्रूव करती है.

कच्ची सब्जियों में बैक्टीरिया व पैरासाइट्स हो सकते हैं. इसलिए उन्हें उबालकर या पका कर ही खाएं. भोजन स्वच्छ एवं हल्का ही करें. ज्यादा तेज मसाले वाले गरिष्ठ भोजन न करें. फास्ट फूड और जंक फूड को पूरी तरह न कहें. इस मौसम में दूध, मिठाई, पेड़ा, मावा, कलाकंद आदि डेरी प्रोडक्ट से दूर रहें. स्ट्रीट फूड से पूरी तरह दूरी रखें, क्योंकि सफाई की कमी से फूड प्वॉजन होने का खतरा रहता है. चीनी व अन्य मीठी चीजों का सेवन कम करें. इससे बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है.

प्रोबायोटिक्स जरूर लें :
प्रोबायोटिक फूड का सेवन साल भर करते रहना चाहिए. इससे माइक्रोबायोम यानी पेट का जैविक वातावरण दुरुस्त रहता है. यह हमारी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. पेट की गड़बड़ी से डिप्रेशन, एंग्जाइटी, ओबेसिटी और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. प्रोबायोटिक से पाचन संबंधी समस्याएं, डायरिया, इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम आदि ठीक हो जाते हैं.
इसके लाभ
हृदय रोग : बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को हृदय रोगों का कारण माना जाता है. प्रोबायोटिक के नियमित सेवन से 6 हफ्ते में करीब 9 फीसदी एलडीएल घट जाती है.
स्ट्रेस : प्रोबॉयोटिक्स के सेवन से सेवन न करने वाले लोगों के मुकाबले स्ट्रेस काफी कम पाया गया है.
दांत और मसूढ़े दुरुस्त : बीते साल हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि लैक्टोबेसिलस रुटेरी और बिफिडोबैक्टेरियम का नियमित सेवन करने से दांतों को नुकसान पहुंचाने, कैविटी के कारक और मसूड़ों की बीमारी के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की क्षमता को कमजोर करता है.
सर्दी-जुकाम : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दस अलग-अलग अध्ययनों में पाया कि जो लोग नियमित रूप से प्रोबॉयोटिक्स का सेवन करते हैं, उनमें अपर रेस्पीरेटट्री ट्रैक्ट इन्फेक्शन की आशंका 12 फीसदी तक कम हो जाती है. इससे सर्दी-जुकाम की समस्या भी घट जाती है.
मोटापा : ‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार प्रोबायोटिक का सेवन वजन घटाने में ज्यादा सहायक होता है. एक तुलनात्मक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन महिला डाइटर्स ने प्रतिदिन दो बार प्रोबायोटिक का सेवन किये, उनका वजन 3 महीने बाद औसतन 4.5 किलो कम हो गया, जबकि प्रोबायोटिक न लेने वाली महिला डाइटर्स में यह 2.7 किग्रा तक ही घटा.
बातचीत : शिखर चंद जैन
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें