हजारीबाग : एटीएम से फर्जी तौर पर राशि की निकासी, ऑनलाइन शॉपिंग व दूसरे के खाते से राशि ट्रांसफर करने के मामले में पुलिस के हत्थे एक साइबर अपराधी चढ़ा है. आरोपी का नाम मुकेश कुमार यादव (पिता-मुंशी प्रसाद) है. वह गया (बिहार) जिले के धरहरा का रहनेवाला है. पुलिस को उसके पास से भारी मात्रा में क्लोन किये गये एटीएम मिले हैं. उसकी गिरफ्तारी लोहसिंघना थाना क्षेत्र से हुई है.
पकड़ा गया एटीएम का क्लोन कर राशि निकालनेवाला साइबर अपराधी
हजारीबाग : एटीएम से फर्जी तौर पर राशि की निकासी, ऑनलाइन शॉपिंग व दूसरे के खाते से राशि ट्रांसफर करने के मामले में पुलिस के हत्थे एक साइबर अपराधी चढ़ा है. आरोपी का नाम मुकेश कुमार यादव (पिता-मुंशी प्रसाद) है. वह गया (बिहार) जिले के धरहरा का रहनेवाला है. पुलिस को उसके पास से भारी […]
एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि क्लोन एटीएम से फर्जी निकासी करने का यह साइबर क्राइम के अंतर्गत झारखंड का पहला मामला है. अब तक देश के बड़े शहरों में ऐसी घटनाएं होती थी, लेकिन इस तरह मामला यहां के लिए पहला है. उन्होंने कहा कि मुकेश अपने साथियों के साथ हजारीबाग में पैसा निकासी के लिए योजना बना रहा था. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली, जिसके बाद टीम का गठन कर छापामारी की गयी और उसे गिरफ्तार किया गया. गिरोह के अन्य सदस्य भागने में सफल रहे. एसपी ने कहा कि गिरफ्तार अपराधी से पूछताछ की जा रही है. जल्द गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी होगी.
एसपी ने बताया कि पूछताछ में अपराधी ने स्वीकार किया है कि वह क्लोन विधि से प्रतिमाह 10 से 15 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी कर लेते थे. झारखंड के धनबाद, रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह, दुमका समेत कई शहरों के अलावा दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में भी घटना को अंजाम दे चुके हैं. गिरफ्तार अपराधी मुकेश कुमार यादव पिछले एक साल से इस अपराध से जुड़ा है.
कैसे हुई गिरफ्तारी: पुलिस को साइबर अपराधियों के हजारीबाग में आने की सूचना मिली थी. सूचना के बाद एसपी ने तत्काल लोहसिंघनिया प्रभारी अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया. टीम ने इंद्रपुरी चौक पर चेकनाका लगाया और वाहनों की चेकिंग शुरू हुई. चेकिंग के दौरान ही बिना नंबर की एक स्कॉर्पियो गाड़ी वहां पहुंची. पुलिस को देखते ही वाहन में बैठे अपराधी वहां से भागने लगे. इसी क्रम में मुकेश कुमार यादव को पुलिस ने दबोच लिया.
कैसे करते थे फर्जी निकासी: एसपी के समक्ष अपराधी ने स्वीकार किया कि वे लोग एटीएम मशीन में पिन होल कैमरा लगा देते हैं. जैसे ही खाता धारक मशीन में एटीएम कार्ड डाल कर अपना पिन नंबर डालता है, नंबर की तस्वीर कैमरे में आ जाती है. यह व्यवस्था केवल एटीएम में हीं नहीं, बल्कि ई-पॉस मशीन, मॉल अथवा दूसरे शॉपिंग कांप्लेक्स में काम करनेवालों की मिलीभगत से स्कैनर डिवाइस के जरिये भी होती है. इससे भी ग्राहक का पिन कोड नंबर अपराधियों को मालूम हो जाता है.
एसपी ने कहा कि पिन नंबर मिलते ही साइबर अपराधी क्लोन एटीएम कार्ड मशीन में डाल कर स्कैनर से और पिन होल कैमरा से मिले पिन नंबर को डाल पैसे की निकासी कर लेते हैं. अपराधी सिर्फ पिन नंबर ही नहीं, एटीएम कार्ड का पूरा इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्राप्त कर लेते हैं और खाता धारकों की राशि अपने खाते में ट्रांसफर करा लेते हैं. छापामारी दल में लोहसिंघना थाना प्रभारी अशोक कुमार, एएसआइ काशीनाथ सिंह, हवलदार गणेश रविदास, जवान विजय कुमार यादव, रामकुमार सिंह मुंडा व अजीत प्रसाद शामिल थे.
पिन होल कैमरा व स्कैनर डिवाइस से पता लगा लेते थे पिन नंबर
गया के धरहरा का रहनेवाला है मुकेश यादव
बरामद हुए सामान
अपराधी के पास से अाइडीबीआइ बैंक, एसबीआइ बैंक, पीएनबी बैंक, बीओआइ के एटीएम के अलावा दो मोबाइल फोन, यात्रा कार्ड, दो शॉपिंग कार्ड, इनकम टैक्स कार्ड समेत क्लोन किये गये 73 एटीएम मिले हैं. वहीं स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई है.
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