संजय सागर, बड़कागांव
पिछले एक दशक से केंद्र व राज्य में कई सरकारें बनी और बदली. आम हित में असंख्य योजनाओं का आगाज हुआ. विकास की अनेक इबारत लिखी गयी. समय बीतते-बीतते 10 से 12 साल हो गये. विधायक, सांसद, मंत्री के साथ-साथ पंचायत जन प्रतिनिधि इस सड़क से होकर गुजरे और चुनाव के आते ही अपनी-अपनी विकास की चर्चा एवं जनता के मूड को भापकर उनके वोट को अपने पक्ष में करने के लॉलीपॉप दिया.
बड़कागांव प्रखंड हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां के सांसद केंद्र सरकार में विगत 5 वर्षों से मंत्री हैं. इसी क्षेत्र से राजनीति करने वाले नेता झारखंड सरकार में 20 सूत्री कार्यान्वयन समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. क्षेत्र के पत्रकार भी प्रदेश 20 सूत्री उपाध्यक्ष को कई बार इस समस्या को रख चुके हैं.
दुर्भाग्य है कि हरली-होरम सड़क पर इतने वर्षों बाद भी किन्हीं का ध्यान अब तक इस सड़क की ओर नहीं गया है. बड़कागांव पूर्वी क्षेत्र का एकमात्र जीवन दैनिक सड़क आज भी गड्ढों में तब्दील होकर अपनी व्यथा सुनाने को मजबूर है. दर्जनों गांव के हजारों लोगों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है. उक्त सड़क पर चार पहिया, दो पहिया वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है.
बरसात के दिनों में तो नजारा देखते ही बनता है. सड़क पर हर जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं जिसमें पानी भर आता है. सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच सड़क इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. सूत्रों से प्राप्त समाचार के अनुसार बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक होने के कारण राज्य की भाजपा सरकार एवं हजारीबाग के सांसद अधिकांश सड़कों की मरम्मत इसलिए नहीं करना चाह रही है कि ताकि कांग्रेस का विधायक बदनाम हो.
अधिकांश भाजपाई यह कहते है कि यह काम विधायक का है यह छोटा मोटा काम राज्य सरकार अथवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद नहीं कर सकते हैं. वहीं कांग्रेस विधायक निर्मला देवी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश जर्जर सड़कों की समस्या विधानसभा में उठाती रही हूं. विभाग को भी कई बार इस मामले में पत्र लिख चुकी हूं. लेकिन राज्य सरकार इस क्षेत्र में विकास की योजना इसलिए नहीं लाना चाहती कि नाम विधायक का नहीं हो जाए.
होरम-हरली सड़क से कौन-कौन गांव है प्रभावित
बड़कागांव प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के एकमात्र सड़क होरम-हरली पथ की अत्यंत जर्जर हालत है. जिससे क्षेत्र के हरली, बादम, बाबूपारा, गोंदलदलपुरा, राउतपारा, अंबाजीत, चंदौल, पुनदौल, महुगाईकला, मोतरा, हाहे, सुकुलखफिया, होरम, दुडी टांड, नापो, बलिया, खराटी, लूरुंगा, डोकताण्ड, इसको, चपरी, सेहदा, सहित दर्जनों गांव के हजारों लोगों का प्रखंड मुख्यालय जाने का मुख्य मार्ग है. जिसे ग्रामीणों के सहयोग से दशकों पूर्व काफी मशक्कत के बाद बनाया गया था. इसकी हालत इतनी जर्जर है कि उस पर चलना मुश्किल है.