सिसई : सिसई प्रखंड के ऐतिहासिक स्थल नवरत्न गढ़ के विकास में स्थानीय लोग रोड़ा बन रहे हैं. सरकार चाहती है कि नवरत्न गढ़ का विकास हो. विकास की शुरुआत नवरत्न गढ़ में पार्क बना कर की जाये, परंतु पार्क बनने की बात से ही नगर गांव के लोग दो गुट में बंट गये. जहां एक गुट के ग्रामीण पार्क बनाने की मांग करते हुए सरकार की पहल का स्वागत किया है.
वहीं दूसरा गुट नहीं चाहता कि नवरत्न गढ़ में पार्क बने. दूसरे गुट के अनुसार अगर पार्क बनेगा, तो पशुओं की चरवाही में परेशानी होगी. ज्ञात हो कि नवरत्न गढ़ को ऐतिहासिक व पर्यटन के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने विश्व धरोहर घोषित किया है. इस पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने सर्वेक्षण भी किया है.
बुधवार को जनता दरबार में नवरत्नगढ़ परिसर में पार्क निर्माण की बात आयी, तो नगर गांव के ग्रामीण दो गुट में बंट गये. एक गुट ने डीसी को आवेदन देकर पार्क निर्माण का विरोध किया और कहा कि ग्रामीणों की सहमति के बिना पार्क निर्माण करने की बात हो रही है. धरोहर परिसर में खेल का मैदान है. मवेशी का चरागाह है. यहां पार्क न बने. ग्रामीणों ने मामले को विधायक जिग्गा सुसारन होरो के पास भी रखा और पार्क न बनाने की बात कही. दूसरी ओर अधिकतर ग्रामीणों का कहना है कि नवरत्नगढ़ विश्व धरोहर है. पर्यटन क्षेत्र बनने से दूर-दूर से पर्यटक भ्रमण करने आयेंगे.
क्षेत्र का विकास होगा. गांव समृद्ध होगा. रोजगार के अवसर खुलेंगे. कुछ लोगों की जमीन मठ मंदिर के अगल-बगल है, वही लोग पार्क निर्माण का जो विरोध कर रहे हैं, जो गलत है. नवरत्नगढ़ का विकास हो. पर्यटन क्षेत्र बने. विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि आपलोगों की सहमति से काम होगा. यह विश्व धरोहर है. ऐतिहासिक स्थल को मिल जुल कर बचाने की जरूरत है.
समाजसेवी दामोदर सिंह ने कहा कि नवरत्नगढ़ धरोहर की कुल जमीन 12 एकड़ 39 डिसमिल है. पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसका सर्वे कर चुका है. यह धरोहर 28 सितंबर 2019 को विश्व धरोहर के घोषित हो चुका है.