गुमला : जनजातीय अस्मिता व अधिकार की रक्षा के लिए जनजाति सुरक्षा मंच गुमला द्वारा सोमवार को परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि डॉक्टर सुखी उरांव ने कहा कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने 48 वर्ष पूर्व जनजाति समाज की संस्कृति को बचाने के लिए एक विधेयक लाने का प्रयास किया था.
जिसे कुछ राजनेताओं द्वारा स्थगित कर दिया गया था. धर्मांतरण की घटनाओं में वृद्धि हुई है. आज के समय में जनजातियों का सुध लेने वाला कोई नहीं है. जनजाति सुरक्षा मंच जनजातियों की सुरक्षा व अधिकार के लिए सदैव तत्पर है. हम लोगों को लंबी लड़ाई लड़नी है.
इसके लिए आप सभी अपना कमर कस ले. ये संघर्ष न्याय का है. मुख्य वक्ता मेघा उरांव ने कहा कि जनजाति समाज के बारे में चिंतन करने वाले लोग धन्यवाद के पात्र हैं. हमारे बीच 32 जनजाति के लोग हैं. हमें उनके हक की लड़ाई लड़नी है. जनजातियों का हक दूसरे लोगों को मिल रहा है. इसका विरोध जनजाति सुरक्षा मंच करता है. आज हमारे समाज पर चारों ओर से हमले हाे रहे हैं.
सरना, मसना व अखड़ा हमारी पहचान है. धरना प्रदर्शन के बाद जनजाति सुरक्षा मंच गुमला द्वारा उपायुक्त को 10 सूत्री मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. मौके पर विशिष्ट अतिथि वासुदेव मुंडा, सोमा उरांव, मुन्नी उरांव, अंगनु उरांव हुदो देवी, फदनाथ किसान, भीखा उरांव, बसंत नारायण मांझी, राजन बड़ाइक सागर उरांव, मिशिर कुजूर, लक्ष्मी नारायण भगत, कृपा प्रसाद सिंह, प्रणवदत, बहादूर सिंह, रामविनोद पांडेय, सुरेश लोहरा, संजय मुंडा, बिरसाइ मुंडा, राजेंद्र बड़ाइक, संदीप कुमार टोप्पो, जलेश्वर भगत, रामजी उरांव, नगेशिया, देवेंद्र लाल उरांव समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.