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प्रशासन चुनाव में मशगूल व जनता भगवान भरोसे

गुमला : नेताजी वोट के पीछे हैं. प्रशासन चुनाव में मशगूल है. नेताजी व प्रशासन के अपने कामों में व्यस्त होने से जनता बिन पानी व बिजली बेहाल है. यह हाल और कहीं नहीं, बल्कि गुमला जिले का है. लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में गुमला जिला पड़ता है. 29 अप्रैल को यहां मतदान है. चुनाव को […]

गुमला : नेताजी वोट के पीछे हैं. प्रशासन चुनाव में मशगूल है. नेताजी व प्रशासन के अपने कामों में व्यस्त होने से जनता बिन पानी व बिजली बेहाल है. यह हाल और कहीं नहीं, बल्कि गुमला जिले का है. लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में गुमला जिला पड़ता है. 29 अप्रैल को यहां मतदान है. चुनाव को लेकर नेताओं की अपनी परेशानी है.

सभी इधर-उधर भाग दौड़ कर रहे हैं. किसी के पास इतना समय नहीं है कि जनता के हाल-ए-दर्द को सुन सके. वोटों के पीछे भाग रहे नेताओं को इतना भी खबर नहीं कि गुमला की जनता इन दिनों पानी व बिजली नहीं मिलने से त्रस्त है. सप्लाई पानी बंद है. बंद क्यों है, इसकी जानकारी देने के लिए कोई अधिकारी नहीं है. पीएचइडी डेड पड़ा हुआ है और जनता दो बाल्टी पानी के लिए भटक रही है.
शहर को पानी नहीं मिल रहा है. यह बात पीएचइडी को कौन बतायेगा, क्योंकि जनता की बात विभाग सुनता नहीं. जिले के जो बड़े अधिकारी हैं, वे जनता की समस्या से वाकिफ नहीं हैं, क्योंकि अधिकारियों के पास इतना समय नहीं है कि वे जनता की समस्या की जानकारी ले सके. इधर, दो दिनों से शहर के कुछ हिस्सों में सप्लाई पानी बंद है.
शनिवार को तो पूरे शहर में ही पानी बंद कर दी गयी, जिससे लोग पानी के लिए परेशान दिखे. शहर में वाटर प्लांट बना हुआ है, जहां से लोग पानी खरीद कर घरेलू उपयोग करने के अलावा पानी पीते नजर आये. पीएचइडी के तकनीकी पदाधिकारी रामसागर सिंह से फोन पर बात हुई. उन्होंने शनिवार को पानी सप्लाई बंद होने की बात स्वीकार की, लेकिन इसका कारण बिजली नहीं मिलना बताया. श्री सिंह ने कहा कि अगर बिजली मिलती है, तो रविवार को पानी की आपूर्ति होगी. अगर बिजली नहीं मिली, तो पानी देना मुश्किल होगा.
ज्ञात हो कि शहर से 15 किमी दूर दक्षिणी कोयल नदी नागफेनी से गुमला शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है. बिजली नहीं रहने के कारण अक्सर गुमला में जल संकट गहरा जाता है. पानी सप्लाई बंद होने के बाद नगर परिषद को चाहिए की टैंकर से पानी दे, लेकिन नगर परिषद के प्रतिनिधि भी चुनावी माहौल में आराम के मूड में हैं, इसलिए शहरी क्षेत्र की समस्या दूर करने में प्रतिनिधि पीछे नजर आ रहे हैं.
इधर, गुमला शहर में बीते कई महीनों से बिजली सप्लाई व्यवस्था चरमरा गयी है. कभी-कभी तो 24 घंटे तक बिजली गुल रहती है. अगर बिजली रहती भी है, तो 24 घंटे में महज आठ से नौ घंटे ही बिजली मिल रही है. गुमला की जो स्थिति है, थोड़ी तेज हवा चलते ही बिजली काट दी जाती है. बारिश की रिमझिम में ही बिजली गुल हो जाती है. पानी व बिजली नहीं मिलने से परेशान जनता नेताओं से पूछ रही है कि वोट क्यों दें? जब हम समस्या से जूझ रहे हैं और दूर करने वाला कोई नहीं.

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