गुमला : गुमला के सोसो महलीटोली स्कूल के 102 बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है, क्योंकि शिक्षा विभाग गुमला ने गलत तरीके से महलीटोली स्कूल को कदमटोली स्कूल में मर्ज कर दिया है. इससे बच्चे तीन महीने से स्कूल नहीं जा रहे हैं और गांव में ही रहते हैं. कई बच्चे गलत रास्ता भी अपना रहे हैं.
इस समाचार को प्रभात खबर ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. समाचार छपने के बाद झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग झारखंड ने इसे गंभीरता से लिया है. आयोग ने प्रभात खबर का हवाला देते हुए डीएसइ गुमला को 13 फरवरी को पत्र भेजा है, जिसमें आयोग ने 15 दिनों यानी 28 फरवरी तक स्कूल मर्ज करने के बाद बच्चों के पठन-पाठन की व्यवस्था के संबंध में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है. आयोग ने कहा है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रिपोर्ट दें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.
नागरिक अधिकार संरक्षण समिति के सचिव आनंद किशोर पंडा ने कहा है कि 31 जनवरी को प्रभात खबर में सोसो महलीटोली स्कूल से संबंधित समाचार व 102 बच्चों के भविष्य को लेकर छपे समाचार को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत आयोग से की गयी थी. इसके बाद आयोग ने डीएसइ को जांच का आदेश दिया है.
श्री पंडा ने कहा है कि समाचार छपने के बाद हमारी टीम ने भी गांव का दौरा किया था, जहां लोगों से बात की थी. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जानकारी ली थी, जिसमें पता चला था कि सच में बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं और अधिकतर बच्चे जुआ खेलने व नशापान की ओर अग्रसर हो रहे हैं. इससे इन बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. श्री पंडा ने कहा कि नियम के अनुसार कदमटोली स्कूल को महलीटोली स्कूल में मर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन शिक्षा विभाग ने गलत तरीके से महलीटोली को कदमटोली में मर्ज कर दिया, जिससे महलीटोली के 102 बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है.