27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

खुद पीड़ित हैं, परंतु परिवार को टूटने से बचा रहे

गुमला : महिला थाना, गुमला की स्थापना एक फरवरी 2007 में हुई थी. जबकि इसी महिला थाना में परामर्श केंद्र की स्थापना तत्कालीन एसपी नरेंद्र कुमार ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 11 जुलाई 2007 को की थी. महिला थाना वर्तमान में एक कमरे के भवन में संचालित है. इसमें एक पुलिस अवर निरीक्षक, […]

गुमला : महिला थाना, गुमला की स्थापना एक फरवरी 2007 में हुई थी. जबकि इसी महिला थाना में परामर्श केंद्र की स्थापना तत्कालीन एसपी नरेंद्र कुमार ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 11 जुलाई 2007 को की थी. महिला थाना वर्तमान में एक कमरे के भवन में संचालित है. इसमें एक पुलिस अवर निरीक्षक, तीन सहायक अवर निरीक्षक, आरक्षी दो, महिला टीसी तीन व महिला सहायक दो हैं. भवन की कमी के कारण एक कमरे के भवन के परामर्श केंद्र में सुनवाई के दिन वादी व दात्रियों सहित महिला पुलिसकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिला थाना में एक वाहन है. वहीं महिला थाना परिसर में पेयजल की किल्लत, शौचालय, इंवर्टर व जेनरेटर नहीं है. जिससे महिला पुलिसकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अगर कहा जाये तो महिला थाना समस्याओं से खुद पीड़ित है. लेकिन यहां परिवार को जोड़ने का काम किया जा रहा है. प्रभारी महिला थानेदार मेलानी हेमरोम ने बताया कि भवन छोटा होने के कारण काफी समस्या है. उठने-बैठने में भी दिक्कत होती है. पेयजल की किल्लत है. शौचालय नहीं होने से महिला पुलिसकर्मियों व परामर्श केंद्र में आयी महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जेनरेटर विभाग से नहीं मिला है.

प्राप्त आवेदन, सुलह, लंबित व दर्ज केस का आंकड़ा
आंकड़ा देंखे तो वर्ष 2011, 2012, 2013, 2017 व 2018 में गुमला महिला थाना में 304 आवेदन पड़े हैं. इसमें पति-पत्नी की बीच की लड़ाई की कहानी है
वर्ष मामला सुलह लंबित केस
2011 37 21 15 02
2012 09 00 00 00
2013 30 18 11 01
2014 00 00 00 00
2015 00 00 00 00
2016 00 00 00 00
2017 123 65 81 16
2018 105 28 45 01
टोटल 304 132 152 20
महिला थाना में अभी तक जितने भी मामले आये हैं. पहले तो हम प्रयास करते हैं कि पति-पत्नी व परिवार के बीच जो विवाद है, उसे सलटाये. अगर विवाद नहीं सलटता है तो दोनों पक्षों को केस दर्ज करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है.
मेलानी हेमरोम, प्रभारी महिला थानेदार
मेरा मानना है कि परिवार एक व्यक्ति से नहीं चलता है. सभी सदस्यों के विचारों व सहमति से परिवार चलता है. अगर परिवार में कोई अनबन हो तो प्रयास करें कि घर में ही उसे सलटाये. ताकि परिवार में प्यार व मजबूती बनी रहे.
अरुण कुमार, अधिवक्ता, सिविल कोर्ट
परामर्शदातृ, थानेदार व अधिवक्ताओं की राय परिवार जोड़े, तोड़े नहीं
परामर्श केंद्र से पति-पत्नी विवाद में केस की संख्या में कमी आयी है. साथ ही सैकड़ों मामलों में पति-पत्नी विवाद का सुलह करा कर उनका परिवार अभी अच्छी तरह से गुजर-बसर कर रहा है.
आरगेन कच्छप, परामर्शदातृ, गुमला
जब कोई परिवार टूटने से बचता है तो समाज को लाभ मिलता है. महिला थाना में केस की संख्या में बहुत ही हद तक कमी हुई है. पति-पत्नी विवाद में अधिकांश सुलह होता है. सुलह से परिवार बचता है.
इंदू पांडेय, परामर्शदातृ सह अधिवक्ता
परामर्श केंद्र में प्रेमी-प्रेमिका विवाद में सुलह की संख्या कम हुई है. कभी लड़का पक्ष विवाह के लिए तैयार होता है, तो लड़की पक्ष को सुलह मंजूर नहीं होता है. इसलिए केस होता है. हमारा प्रयास है कि सभी मामलों में सुलह हो.
बालमति देवी, परामर्शदातृ
परिवार टूटना नहीं चाहिए. इसके लिए महिला थाना परामर्श केंद्र अपना काम बाखूबी से कर रही है. थाना द्वारा समाज के लिए सराहनीय पहल की जा रही है. जनता भी परिवारिक विवाद सुलझाने में मदद करे.
कमला पांडेय, परामर्शदातृ सह अधिवक्त

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें