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Friday, March 29, 2024

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सिसई : बेटे की मौत के बाद पुलिस के सामने खड़ी हुई मां, कहा- बेटे की तरह मुझे भी गोली मार दो, जानें पूरा मामला

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला के सिसई प्रखंड में बघनी गांव है. यहां उर्दू स्कूल है. जहां बूथ नंबर 36 था. इसी बूथ पर पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस फायरिंग में गांव के जिलानी अंसारी की मौत हो गयी. जिलानी की मौत से इस गांव में गम व आक्रोश है. लोगों में […]

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला के सिसई प्रखंड में बघनी गांव है. यहां उर्दू स्कूल है. जहां बूथ नंबर 36 था. इसी बूथ पर पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई. पुलिस फायरिंग में गांव के जिलानी अंसारी की मौत हो गयी. जिलानी की मौत से इस गांव में गम व आक्रोश है. लोगों में गुस्सा इस कदर है कि कभी भी वह उग्र रूप ले सकता है. यहां बता दें कि सुबह सवा नौ बजे गांव में हिंसक झड़प हुई.

हिंसा की सूचना पर प्रभात खबर के प्रतिनिधि गांव पहुंचे. उस समय गांव का जो माहौल था. वह किसी रणक्षेत्र से कम नहीं था. जिस स्कूल में बूथ बना था. उसे ग्रामीण चारों तरफ से घेरे खड़े थे. सभी के हाथों में लाठी डंडा था. वहीं, स्कूल की छत पर पुलिस जवान थे जो भीड़ को पैनी नजर से देख रहे थे. पुलिस जवान रूक-रूककर लोगों को स्कूल बूथ से दूर रहने के लिए आवाज दे रहे थे. मैं हिम्मत जुटाकर बूथ तक पहुंचा. छत पर खड़े जवान से स्कूल के अंदर जाने की अनुमति मांगी. परंतु जवानों ने यह कहकर स्कूल के अंदर जाने से रोक दिया कि जबतक जिले से फोर्स नहीं आ जाती. किसी को स्कूल के अंदर घुसने नहीं देंगे.

तभी जिलानी की मां सलमा खातून रोती हुई पहुंची. वह रोते हुए स्कूल के अंदर घुस गयी तो जवानों ने बंदूक तान दिया. मां सलमा बंदूक के सामने खड़ा होकर चिल्लाते हुए बोली कि मेरे बेटे को मारे हो, अब मुझे भी गोली मार दो. तभी वहां एक व्यक्ति पहुंचा और सलमा खातून को वहां से निकालकर घर भेजा. तभी एसपी अंजनी कुमार झा व एसपी बीके मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. एसपी जब स्कूल के समीप गये तो एक जवान ने हाथ उठाकर कहा कि एसपी साहब अंदर आ रहे हैं.

एसपी स्कूल के अंदर घुसते ही झंडा फहराने वाले पिंड पर चढ़ गये. फिर छत पर मोरचा संभाले जवानों को उतरने का आदेश दिया. जिस कमरे में मतदानकर्मी बंद थे. उस कमरे को खोलकर सुरक्षित निकाला गया. इस दौरान ग्रामीण पुन: पुलिस को घेरने का प्रयास करने लगे तो जवानों ने उग्र लोगों को खदेड़ा. तभी स्कूल में बैठक की गयी. डीसी शशि रंजन पहुंचे. फिर मामले को शांत कराया गया.

फायरिंग के बाद हिंसक झड़प हुई

हिंसक झड़प पुलिस की फायरिंग के बाद शुरू हुई. पुलिस की फायरिंग में एक मतदाता बघनी गांव निवासी जिलानी अंसारी (30 वर्ष) की मौत हो गयी. जबकि चार वोटरों को गोली लगी है. ये लोग घायल हैं. पुलिस ने कुछ लोगों को खदेड़कर पीटा है. इसमें एक दर्जन लोग घायल हैं. ग्रामीणों ने भी पुलिस पर हमला किया. गुलेल से पुलिस जवान को मारा. पथराव किया. फिर लाठी डंडा से घेरकर कई पुलिसकर्मियों को पीटा.

इस हमले में सिसई थानेदार विष्णुदेव चौधरी, रेलवे पुलिस के कंपनी कमांडेंट अंजन अप्पा सहित सात पुलिस जवान घायल हैं. ग्रामीणों के हमले में दो पत्रकार भी घायल हुए हैं. घायलों का सिसई व रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज चल रहा है. थानेदार की भी स्थिति गंभीर है. सुबह 9.15 से दिन के 12 बजे तक बघनी गांव में रणक्षेत्र बना रहा. डीसी शशि रंजन, एसपी अंजनी कुमार झा, ऑब्जर्वर सहित कई अधिधकारी गांव पहुंचे. इसके बाद मामला शांत हुआ. इस घटना के बाद मतदान बंद कर दिया गया. हिंसक झड़प से पहले तक 890 में से 165 वोट पड़ चुके थे.

नहीं तो पांच पुलिस जवान व चार मतदानकर्मी को मार देते ग्रामीण

जब मामला उग्र हुआ. पुलिस की गोली से जिलानी की मौत हो गयी. तब गांव के हजारों लोगों ने बघनी स्कूल को घेर लिया. ग्रामीण उग्र थे. पुलिस व मतदानकर्मियों पर हमला करने जा रहे थे. तभी बूथ की सुरक्षा में तैनात पांच पुलिस जवानों ने सभी मतदानकर्मियों को एक कमरे में बंद कर दिया. ताकि कोई अंदर घुस न सके. इसके बाद पांचों जवान स्कूल की छत पर चढ़ गये और मोरचा संभाल लिया.

स्कूल की छत से ही जवान हवाई फायरिंग करने लगे. ताकि उग्र लोगों को स्कूल के अंदर घुसने से रोक सके. पुलिस जवानों के मोरचा संभालने व हवाई फायरिंग करने के बाद ग्रामीण पीछे हट गये. जब गुमला से वरीय पुलिस अधिकारी पहुंचे. तब कुछ लोगों को स्कूल में पुलिस निगरानी में घुसने दिया गया. एसपी अंजनी झा, एएसपी बीके मिश्रा व एसडीओ जीतेंद्र देव ने कमरे में बंद सभी मतदानकर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाला.

इस कारण बिगड़ा मामला

हिंसक झड़प के अलग-अलग कारण बताया जा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार वोटर वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे. तभी चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस जवान वोटरों के बीच खड़े हो गये. वोटर असफाक अंसारी, जिलानी अंसारी व तबरेज अंसारी को कतार में खड़े रहने के लिए कहा. ऐसा आरोप है कि पुलिस वालों ने एक विशेष पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने के लिए वोटरों से कहा. वोटर असफाक ने इसका विरोध किया. जिससे मामला बिगड़ गया.

पुलिस जवान असफाक को पटककर पीटने लगे. फिर जांघ में गोली मार दी. तभी जिलानी बीच में आ गया. वह पुलिस जवानों को समझाने लगे. तभी छत पर खड़े एक जवान ने फायरिंग कर दी. जिससे जिलानी के पेट में गोली लगी और उसकी मौत हो गयी. फायरिंग में तबेरज अंसारी के हाथ में गोली लगी. वहीं, सालेहा खातून व साबरा खातून को गोली छूते हुए निकल गयी. पुलिस ने लाठी भी बरसायी. जिससे वसीउद्दीन अंसारी का सिर फट गया.

इसके बाद ग्रामीण उग्र हुए, जबकि पुलिस और मतदानकर्मियों ने कहा कि गांव के कुछ दबंग लोग पहले वोट मारना चाह रहे थे. जिसे बार-बार रोका जा रहा था. पीठासीन पदाधिकारी रामाशीष मिश्रा ने कहा कि हमलोग प्रयास कर रहे थे कि जो विकलांग व वृद्ध हैं. उन्हें पहले वोट करा लें. परंतु कुछ युवक जान बूझकर बूथ में घुसकर माहौल बिगाड़ने में लगे थे. उन युवकों को रोका गया तो गुलेल से हमला कर दिया.

जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो कुछ युवक पथराव करने लगे. जिससे माहौल बिगड़ा और पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी. गोली चलाने वाले पुलिस जवानों ने कहा कि अगर हम आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाते तो उग्र ग्रामीण हम सभी पुलिस जवानों व मतदानकर्मियों की हत्या कर देते.

रास्ते में ही थानेदार को पीटा, एसडीपीओ भागे

बघनी गांव में हिंसक झड़प की सूचना पर बीडीओ प्रवीण कुमार पहुंचे. उग्र लोगों ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया. चालक सीताराम सिंह को डंडा से मारकर सिर फोड़ दिया. क्षतिग्रस्त गाड़ी को लेकर बीडीओ को भागना पड़ा. तभी थानेदार विष्णुदेव चौधरी गाड़ी से उतरने लगे तो ग्रामीण उन्हें घेर लिये. यह देख थानेदार कमर से पिस्तौल निकालने लगे तो ग्रामीणों ने उनपर हमला कर दिया. सिर पर मोटे डंडे से वार किया. जिससे माथ फट गया. तुरंत थानेदार को गाड़ी से अस्पताल लाया गया और रांची रेफर कर दिया गया.

थानेदार को पीटने के बाद लोग दूसरे पुलिस अधिकारी व जवानों पर हमला किये. एसडीपीओ नागेश्वर प्रसाद सिंह ने भागकर जान बचायी. कई जवान वहां से भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे. इसके बाद से रूक-रूककर गांव का माहौल बिगड़ते रहा. गांव की महिलाएं पुलिस के खिलाफ बोल रही थीं.

वाकी-टाकी व एक पुलिस टोपी लूट कर ले गये ग्रामीण

घटना की सूचना पर एसपी अंजनी कुमार झा पहुंचे. एसपी ने पोलिंग बूथ पहुंचने के बाद जवानों से घटना की जानकारी ली. एसपी की पूछताछ में जवानों ने कहा कि एक वाकी-टाकी और एक पुलिस टोपी कोई लूट कर ले गया है. मौके पर एसपी ने पत्रकारों से कहा कि सुरक्षा बलों व ग्रामीणों के बीच किसी बात को लेकर नोक झोंक हुई जो बाद में झड़प में तब्दील हो गयी. जिसमें पुलिस की गोली बारी में दो लोग गंभीर हुए हैं.

जिनका इलाज के लिए रांची रिम्स व उसके बाद उन्हें मेडिका में भरती कराया गया है. गांव के कुछ लोग और पत्रकारों को भी चोटें आयी हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग अस्पताल जा रहे हैं. वहां से जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकेंगे. इधर पत्रकारों के सवाल एक व्यक्ति की मौत होने की जानकारी पूछने पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

10 दिन के अंदर मुआवजा मिलेगा

डीसी शशि रंजन ने कहा कि मैं हर समय फोन पर उपस्थित रहता हूं. यहां की घटना चिंता की बात है. मुआवजा मिलेगा. 10 दिन के अंदर मुआवजा दिया जायेगा. उन्होंने सिसई बीडीओ को मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. इस बूथ पर नौ दिसंबर को दोबारा मतदान कराया जायेगा. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि कोई भी परेशानी हो. तुरंत मुझे इसकी जानकारी दें.

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