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Friday, March 29, 2024

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गरीबी ने नाबालिग को बनाया मानव तस्करों के हाथों का खिलौना, दिल्ली पुलिस ने बचायी जान

गुमला : गरीबी आदमी को तमाम नैतिक और अनैतिक काम करने और कराने पर मजबूर कर देती है. इसे गरीबी की मार ही कहेंगे कि झारखंड के गुमला जिले के कामडारा प्रखंड की एक नाबालिग मानव तस्करों के हाथों का खिलौना बनकर रह गयी. यह नियति का ही खेल और नाबालिग की सूझबूझ का ही […]

गुमला : गरीबी आदमी को तमाम नैतिक और अनैतिक काम करने और कराने पर मजबूर कर देती है. इसे गरीबी की मार ही कहेंगे कि झारखंड के गुमला जिले के कामडारा प्रखंड की एक नाबालिग मानव तस्करों के हाथों का खिलौना बनकर रह गयी. यह नियति का ही खेल और नाबालिग की सूझबूझ का ही नतीजा है कि वह खुद को मानव तस्करों से अपनी जान बचाने के लिए पुलिस का सहारा लिया.

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दरअसल, गुमला जिले के कामडारा प्रखंड की 14 वर्षीय नाबालिग को उसके गरीब पिता द्वारा मानव तस्कर को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. करीब एक साल पहले पिता द्वारा अपने ही नाबालिग बेटी को कामडारा के खंबिया निवासी चंदन पांडेय के हाथों बेच दिया था. इसके बाद चंदन पांडेय ने पीड़िता को दिल्ली के गुड़गांव में एक घर में काम करने के लिए बेचा था, जहां मकान मालकिन द्वारा नाबालिग बच्ची को बराबर प्रताड़ित किया जाता था.

एक दिन मौका पाकर नाबालिग घर से भाग कर दिल्ली पुलिस के पास जा पहुंची. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने नाबालिग को दिल्ली से चाइल्ड लाइन होम भेज दिया. जहां करीब पांच महीने तक नाबालिग रही. उसके बाद बुधवार को नाबालिग को गुमला सीडब्ल्यूसी लाया गया. पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाया. उसने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व उसके पिता ने उसे चंदन पांडेय को बेच दिया था.

नाबालिग ने बताया कि जिस समय उसके पिता ने उसे मानव तस्कर के हाथों बेचा था, उस समय वह चार कक्षा की छात्रा थी. इसके बाद चंदन दिल्ली के गुड़गांव में किसी पम्मी कुमारी के घर ले गया. उसने बताया कि घर की मालकिन पम्मी कुमारी ने चंदन को आठ हजार रुपये दी. उसके बाद पम्मी अपने घर का सारा काम नाबालिग से कराती थी. बात-बात पर मारपीट करती थी. समय से खाना नहीं मिलता था.

इतना ही नहीं, उसने यह भी बताया कि गुड़गांव में उसे कई प्रकार की यातनाएं दी जाती थी. उस घर में छह महीने तक रहने और प्रताड़ना की शिकार होते-होते जब वह थक-हार गयी, तो वह घर से भाग निकली. किसी तरह वह दिल्ली पुलिस के पास पहुंची. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन होम भेज दिया. उसके बाद चाइल्ड लाइन होम ने उसे गुमला पहुंचाया है.

वहीं, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन शंभू सिंह ने बताया कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और यह जांच का विषय है. अगर नाबालिग के पिता ने गरीबी के कारण अपनी बच्ची को मानव तस्करों के हाथों अपनी बच्ची को बेचा है, तो मानव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी.

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