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6 साल से लोग कर रहे शहीद देवनारायण की प्रतिमा लगाये जाने की मांग, अब भी है इंतजार

।। दुर्जय पासवान ।। गुमला : गुमला की धरती ने कई ऐसे वीर सपूत को जन्‍म दिया, जिसने देश की रक्षा के लिए अपनी जान हंसते-हंसते कुर्बान कर दिया. सीमा की रक्षा में मुस्‍तैद गुमला कई जवान वीरगति को प्राप्‍त हुए, उन्‍हीं में एक नाम घाघरा प्रखंड के शहीद देवनारायण भगत का आता है. देवनारायण […]

।। दुर्जय पासवान ।।

गुमला : गुमला की धरती ने कई ऐसे वीर सपूत को जन्‍म दिया, जिसने देश की रक्षा के लिए अपनी जान हंसते-हंसते कुर्बान कर दिया. सीमा की रक्षा में मुस्‍तैद गुमला कई जवान वीरगति को प्राप्‍त हुए, उन्‍हीं में एक नाम घाघरा प्रखंड के शहीद देवनारायण भगत का आता है.
देवनारायण भगत नक्सलियों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी. आज भी घाघरा प्रखंड के लोग उन्हें सम्मान से याद करते हैं. हर 15 अगस्त को उन्हें घाघरावासी याद करते हैं. लेकिन दुर्भाग्य है. अभी तक शहीद की प्रतिमा स्थापित नहीं हुई है. जबकि छह साल से लोग प्रतिमा स्थापित करने की मांग कर रहे हैं.

देवनारायण के शहीद होने के बाद घाघरा चांदनी चौक पर उनकी याद में प्रतिमा स्थापित किये जाने की योजना थी. इसके लिए पांच लाख रुपये उपलब्ध कराये गये, लेकिन मूर्तिकार व प्रशासनिक लापरवाही के कारण अभी तक प्रतिमा स्थापित नहीं की गयी है.

गुमला के हाकिम, (डीसी) जिनसे 2019 के जनवरी महीने में प्रतिमा स्थापित करने की मांग की गयी थी. उन्हें शहीद की प्रतिमा स्थापित करने के लिए उपलब्ध राशि की भी जानकारी दी गयी थी, लेकिन हाकिम साहब शहीद को सम्मान देना भूल गये. जिसका नतीजा है. अभी तक प्रतिमा नहीं लगी है.

शहीद के परिजनों की पुकार है. शहीद पिता की प्रतिमा स्थापित हो. यहां बता दें कि बिशुनपुर के विधायक चमरा लिंडा ने विधायक फंड से आठ लाख 25 हजार रुपये शहीद देवनारायण भगत की प्रतिमा घाघरा चांदनी चौक में स्थापित करने की स्वीकृति देते हुए राशि प्रशासन को दे दी थी.

इसमें प्रशासन ने प्रतिमा बनाने के लिए मूर्तिकार को छह साल पहले पांच लाख रुपये भी दे दिया, लेकिन मूर्तिकार पैसा लेकर भाग गया और आज तक शहीद की प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी. शहीद की याद में चांदनी चौक पर केवल एक छोटा चबूतरा बनाया गया है.

* दो किस्तों में राशि की निकासी

रेकड़ के अनुसार वर्ष 2012 में ही प्रतिमा बनाने के लिए विधायक फंड से पैसा आया था. जिसे मूर्तिकार को 12 दिसंबर 2012 को तीन लाख रुपया व 23 अप्रैल 2015 को दो लाख रुपया अग्रिम राशि के तौर पर दिया गया था. परंतु काम अभी तक नहीं हुआ है. शहीद का स्टेच्यू चांदनी चौक पर बनाना था. जो बीते छह साल से अधूरा है. पैसा मिलने के बाद मूर्तिकार का कोई पता नहीं है. किसी ने इसकी खोज या स्टेच्यू बनाने का प्रयास आज तक नहीं किया.

* शहीद बेटे का स्टेच्यू लग जाये, यही मेरी इच्छा : मां

शहीद की मां नीलू भगत ने कहा कि हमें जब भी स्टेच्यू बनाने के मामले में रांची बुलाया गया. तब-तब हम गये. अभी छह साल बीत गये. मेरे बेटे का स्टेच्यू नहीं बना. हमें तो अपने बेटे पर गर्व है कि उसने शहीद होकर देश के लिए अपना कर्ज अदा किया पर यहां के प्रशासन मेरे बेटे की कुर्बानी पर आज तक उसका स्टेच्यू नहीं बना सके.

* स्टेच्यू बन गया है, जल्द लग जायेगा : बीडीओ

प्रखंड युवा अध्यक्ष समीर कुजूर ने कहा कि यह शहीद के नाम पर भी लूट का खेल चल रहा है. प्रशासन इसपर ठोस कदम उठाते हुए शहीद की प्रतिमा स्थापित करे. अन्यथा सीधा एफआइआर किया जाये. बीडीओ जयपाल सोय ने कहा कि ट्रांसपोर्टिंग का मामला है. प्रतिमा तैयार है. बहुत जल्द लगाया जायेगा.

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