गुमला : अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग दलित के साथ दुष्कर्म के आरोपी डुमरी के डहकुल जतराडीपा निवासी सेम चेरो को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी.
आरोपी सेम चेरो को धारा 376 के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 50 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया गया. आरोपी अगर जुर्माने की राशि नहीं चुकाता है तो उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है.धारा 366 ए के तहत 7 साल सश्रम करावास की सजा. इसके अलावा 10 हजार रुपया का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है.इस केस में सरकारी पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मीनी लकड़ा ने पैरवी की.
घटना तीन अक्टूबर 2011 की है. उस समय पीड़िता की उम्र 15 वर्ष थी. घटना के दिन पीड़िता पास के जंगल में लकड़ी चुनने गयी हुई थी. लकड़ी चुनने के दौरान सेम चेरो वहां आ गया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा. विरोध करने पर सेम ने टांगी का भय दिखा कर जबरन उसे जंगल के अंदर ले गया. जहां उसने पीड़िता के साथ जबरन दुष्कर्म किया.
आरोपी सेम चेरो दुष्कर्म करने के बाद पीड़िता को जंगल के अंदर गुफानुमा स्थान में 9 दिनों तक रखा. जहां सेम खड़िया प्रतिदिन जाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म करता था. लगातार दुष्कर्म होने के कारण पीड़िता की हालत ज्यादा खराब हो गयी. जिसके बाद आरोपी ने पीड़िता को उसके गांव में छोड़ कर भाग गया.किसी को कुछ बताने पर उसके परिवार को मारने की धमकी दी. घटना के बाद पीड़िता ने डुमरी थाना में सेम चेरो के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया.