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करंट से युवक की मौत, लाठी-डंडा लेकर अस्पताल पहुंची महिलाएं, शव को पोस्टमार्टम हाउस से निकालकर ले गयी

– सुबह से शाम तक एनएच-43 जाम रहा दुर्जय पासवान, गुमला गुमला से 10 किमी दूर भरदा गांव निवासी दशरथ साहू के 17 वर्षीय बेटे अदीप साहू की मंगलवार की सुबह 11 हजार प्रवाहित बिजली तार से सटकर मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के लिए शव को सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया था. […]

– सुबह से शाम तक एनएच-43 जाम रहा

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला से 10 किमी दूर भरदा गांव निवासी दशरथ साहू के 17 वर्षीय बेटे अदीप साहू की मंगलवार की सुबह 11 हजार प्रवाहित बिजली तार से सटकर मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के लिए शव को सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया था. लेकिन गांव की महिलाएं लाठी डंडा लेकर अस्पताल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम हाउस से निकाल कर ले गयी. इसके बाद भरदा गांव के समीएप एनएच-43 को सुबह दस बजे से देर शाम तक जाम रखा.

जाम से रांची व छत्तीसगढ़ राज्य का मार्ग सुबह से शाम तक बाधित रहा. ग्रामीण मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा, लापरवाह विद्युत अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने व सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े हुए हैं.

जाम की सूचना पर पुलिस अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी गांव पहुंचे. लेकिन ग्रामीण जाम हटाने को तैयार नहीं थे. कई बार मामला बिगड़ते-बिगड़ते बचा. ग्रामीण बोल रहे थे कि जबतक हमारी मांग पूरी नहीं होती है. हम सड़क से नहीं हटेंगे. जाम के कारण यात्री परेशान रहे. सैकड़ों वाहन जाम में फंसी रही.

इस प्रकार मरा अदीप

परिजनों ने बताया कि अदीप मंगलवार की सुबह बैल चराने के लिए खपरादोन की ओर गया था. वहां पर 11 हजार विद्युत प्रवाहित तार जमीन के संपर्क में था. जिससे कारण अदीप उसके संपर्क में आ गया. जिससे उसकी मौत हो गयी. हालांकि करंट लगने के बाद ग्रामीणों ने इस उम्मीद से अदीप को अस्पताल लाया कि उसे बचाया जा सके. लेकिन डॉक्टर एके अग्रवाल ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

लाठी डंडा लेकर पहुंचे और शव ले गये

अदीप की मौत की सूचना के बाद भरदा गांव के लोग आक्रोशित हो उठे. गांव की महिलाएं एकजुट हुई. सभी लाठी डंडा पकड़ी और ऑटो में बैठकर गुमला सदर अस्पताल पहुंची. वे लोग स्ट्रैचर लेकर पोस्टमार्टम हाउस गये. शव को कमरे से निकाला और स्ट्रेचर में लादकर टेंपो तक लाया. इसके बाद शव को टेंपो में उठाकर भरदा गांव ले गये. जहां शव के साथ सड़क को जाम कर दिया.

विभाग की लापरवाही से करंट से पहले भी हो चुकी है मौत

युवक अदीप की मौत से पूरा गांव मर्माहत है. बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा भी है. ग्रामीणों ने बताया कि 11 अगस्त 2018 को भी उसी स्थल पर बीएसएफ जवान मैनेजर साहू की भी मौत हो गयी थी. उस समय पर भी बिजली विभाग को आवेदन देकर 11 हजार विद्युत प्रवाहित तार को दुरूस्त कराने की मांग की गयी थी. लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज तक उसे दुरूस्त नहीं किया गया.

जिसके कारण गांव के युवक अदीप साहू की मौत हो गयी है. ग्रामीणों ने बीएसएफ जवान मैनेजर साहू की मौत के बाद विद्युत विभाग द्वारा मुआवजा देने के आश्वासन मिला था. लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिला. ग्रामीणों ने मैनेजर साहू के परिवार को भी नौकरी व मुआवजा अविलंब देने की मांग कर किये हैं.

ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन भी जाम हटाने में नाकाम साबित हुई. इस कारण सुबह से शाम तक जाम लगा रहा और यात्री परेशान रहे. बिजली करंट से मौत पर पहली बार दिनभर सड़क जाम हुआ है और आम जनता परेशान रही. यहां बता दें कि जिस प्रकार बिजली तार जमीन के संपर्क में है. उसे दुरुस्त करने की मांग के बावजूद बिजली विभाग के अधिकारी लापरवाह बने रहे और उसे ठीक नहीं किया.

जैसी सूचना मिल रही है. इस घटना के बाद बिजली विभाग के लोग से संपर्क किया गया. परंतु अधिकारी जाम स्थल जाने को तैयार नहीं हुए. क्योंकि उन्हें जनता के गुस्सा को झेलना पड़ता. हालांकि शाम छह बजे तक कड़ाके की ठंड में भी लोग सड़क जाम किये हुए थे.

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