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10 लाख के इनामी नक्‍सली भूषण ने किया सरेंडर, डीआईजी बोले- नक्सली सरेंडर करें, नहीं तो मारे जायेंगे

दुर्जय पासवान, गुमला भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर भूषण यादव उर्फ चंद्रभूषण यादव ने गुरुवार को गुमला पुलिस के समक्ष सरेंडर किया. उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम था. वह बिहार व झारखंड राज्य के रिजनल कमेटी का सदस्य था. भूषण का आतंक गुमला, लातेहार व लोहरदगा जिले में था. उसके ऊपर इन तीनों […]

दुर्जय पासवान, गुमला

भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर भूषण यादव उर्फ चंद्रभूषण यादव ने गुरुवार को गुमला पुलिस के समक्ष सरेंडर किया. उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम था. वह बिहार व झारखंड राज्य के रिजनल कमेटी का सदस्य था. भूषण का आतंक गुमला, लातेहार व लोहरदगा जिले में था. उसके ऊपर इन तीनों जिला के विभिन्न थानों में 17 नक्सली घटनाओं में शामिल होने की प्राथमिकी दर्ज है.

इसमें अधिकांश घटनाएं पुलिस पार्टी व पुलिस कैंप पर हमला करने की है. गुरुवार को गुमला के चंदाली स्थित पुलिस लाइन में भूषण यादव ने डीआईजी अमोल विनूकांत होमकर, डीसी शशि रंजन, एसपी अंजनी कुमार झा, एएसपी बीके मिश्रा, सीआरपीएफ-218 के टू-आईसी दाव किंडो, महेंद्र सिंह, गुमला एसडीपीओ नागेश्वर सिंह, बसिया एसडीपीओ दीपक कुमार, डीएसपी प्राण रंजन के समक्ष सरेंडर किया.

मौके पर डीआईजी ने भूषण को 10 लाख रुपये का चेक दिया. डीआईजी ने कहा कि भूषण यादव अपने संगठन के कार्यों से नाखुश था. वह झारखंड पुलिस से सरेंडर करने के लिए संपर्क कर रहा था. इसके बाद गुरुवार को उसने खुद पुलिस के पास पहुंचकर सरेंडर किया है.

नक्सली सरेंडर करें, नहीं तो मारे जायेंगे

डीआईजी एवी होमकर ने कहा कि भूषण यादव ने सही समय पर सरेंडर कर दिया. उसे सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ मिलेगा. उसके ऊपर 10 लाख का इनाम था. उस राशि को उसे सौंप दिया गया है. सरकार की अन्य सुविधाओं का भी लाभ उसे मिलेगा. उन्होंने कहा कि जो भी नक्सली हथियार उठाकर घूम रहे हैं. उनसे अपील है कि सरेंडर कर दें. अगर सरेंडर नहीं करेंगे तो मारे जायेंगे. डीआईजी ने कहा कि सभी नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नयी दिशा शुरू की गयी है.

महिलाओं व बच्चों पर हो रहा अत्याचार : भूषण

लातेहार जिला के महुआडाड़ निवासी भूषण यादव उर्फ चंद्रभूषण यादव ने कहा कि वह 1995 में भारत नौजवान सभा से जुड़ा. जब उसे प्रतिबंध किया गया तो वह पार्टी यूनिट से जुड़कर काम करने लगा. उसे एरिया कमांडर बनाया गया. बाद में वह भाकपा माओवादी में शामिल हुआ और उसे जोनल कमांडर बनाते हुए रिजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया. वह किसान परिवार का था. उस समय की गरीबी व परिस्थिति के कारण उसने गलत राह अपना लिया.

उसने कहा कि अब भाकपा माओवादी की कोई नीति व सिद्धांत नहीं है. बड़े कैडर के नेता ऐश-मौज कर रहे हैं. आलिशान घर बनवा रहे हैं. बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. लेकिन जो छोटे कैडर के सदस्य हैं. उनका शोषण हो रहा है. उनके बच्चे सरकारी स्कूल में भी नहीं पढ़ पा रहे हैं. उन्होंने खुलासा किया कि संगठन में महिलाओं व बच्चों के साथ अत्याचार व शोषण हो रहा है. पार्टी के गलत राह के कारण उसने संगठन छोड़ दी.

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