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Thursday, March 28, 2024

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वार्ड पार्षद रितेश हत्याकांड में निखिलजीत को उम्रकैद, दस माह के अंदर न्यायालय ने सुनाया फैसला

– पीडि़त कंपनसेशन के तहत मृतक की पत्नी को दस लाख देने का आदेश प्रतिनिधि@गोड्डा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने शनिवार को तत्कालीन वार्ड पार्षद रितेश मंडल की हत्या में दोषी पाते हुए निखिलजीत यादव को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने सजावार पर दस हजार रुपये का जुर्माना […]

– पीडि़त कंपनसेशन के तहत मृतक की पत्नी को दस लाख देने का आदेश

प्रतिनिधि@गोड्डा

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने शनिवार को तत्कालीन वार्ड पार्षद रितेश मंडल की हत्या में दोषी पाते हुए निखिलजीत यादव को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने सजावार पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर उसे तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. वहीं विक्टिम कंपनसेशन के तहत मृतक रितेश मंडल की पत्नी को दस लाख रुपये देने का आदेश दिया है. यह रकम सजावार द्वारा जेल में बितायी अवधि के दौरान की गयी मजदूरी से दी जायेगी. बावजूद रकम पूरी नहीं होने पर अभियुक्त की चल व अचल संपत्ति से रकम की भरपाई की जायेगी.

13 नवंबर 2017 को हुई थी घटना

मृतक रितेश मंडल के भाई मुकेश कुमार मंडल द्वारा नगर थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी संख्या 240/17 के अनुसार घटना पिछले वर्ष 13 नवंबर की है. संध्या सात बजे रितेश मंडल अपने भगीना शुभम आनंद, अनुज मंडल, अरुण मंडल व बाबू खान के साथ मूलर्स टैंक पर बैठा था. इसी बीच निखिलजीत यादव से वहां पर तू-तू, मैं-मैं हो गयी. निखिलजीत ने रितेश के साथ गाली-गलौज व धक्का मुक्की की. कुछ देर बाद जब रितेश वापस घर आने लगे तो प्रीतम साह के घर के सामने निखिलजीत यादव ने तलवार से रितेश पर वार कर भाग गया.

जब रितेश को शुभम आनंद व अनुज मंडल द्वारा बाइक से अस्पताल ले जाया जाने लगा तो सनोज यादव के घर के पास निखिलजीत ने दोबारा रितेश पर वार किया. बचने के क्रम में उसका हाथ कट गया. घटना स्थल पर मौजूद शुभम आनंद व बाबू खान को भी तलवार से हमला कर निखिलजीत ने जख्मी कर दिया था. किसी तरह एंबुलेंस से रितेश मंडल, शुभम आनंद व बाबू खान को सदर अस्पताल लाया गया. जहां रितेश मंडल को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं शुभम आनंद व बाबू खान को बेहतर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया गया था.

दस अप्रैल 2018 को हुआ दौरा सुपुर्द

पुलिस ने 16 नवंबर 2017 को निखिलजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने निखिलजीत के विरुद्ध रितेश मंडल की हत्या करने व दो लोगों को घायल करने के अपराध में शामिल होने का आरोप पत्र न्यायालय में दिया. न्यायालय द्वारा मामले में संज्ञान लेकर दस अप्रैल 2018 को मामला सत्र न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण दौरा सुपुर्दगी कर दिया.

21 मई को आरोप गठित

सत्र न्यायालय में मामला सत्रवाद 73/18 में तब्दील होने के बाद न्यायालय द्वारा स्पीडी ट्रायल करते हुए 21 मई को आरोपित के विरुद्ध आरोप का गठन किया गया. आरोपित द्वारा इंकार करने व वाद विचारण का दावा करने के बाद गवाही शुरू हुई.

एक अगस्त को पूरी हुई बहस

अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही न्यायालय में करायी गयी. एक अगस्त को दोनों पक्षों की बहस न्यायालय ने सुन कर मुकदमे को 13 अगस्त के लिए निर्णय हेतु रखा. न्यायालय द्वारा 13 अगस्त को रितेश मंडल की हत्या एवं शुभम आनंद व बाबू खान को जख्मी करने में निखिलजीत को दोषी पाया. न्यायालय ने निखिलजीत यादव को रितेश मंडल की हत्या करने में भादवि 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास व दस हजार रुपये जुर्माना एवं भादवि 324 में तीन वर्ष सश्रम सजा सुनायी.

न्यायालय ने दोनों सजा साथ-साथ चलाने का आदेश दिया है. निर्णय की मुफ्त प्रति देते हुए सजावार अभियुक्त निखिलजीत यादव को वापस मंडल कारा गोड्डा भेज दिया गया. मुकदमे में अभियोजन का पक्ष पीपी राज कुमार मंडल ने रखा था. वहीं बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता क्रांतिधर सहाय थे.

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