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गिरिडीह : एसीबी ने रिश्वत के 60 हजार रुपये के साथ दबोचा, बार-बार बदल रहा था रिश्वत लेने की जगह

गिरिडीह : तालाब निर्माण की प्राकल्लित राशि के बकाया का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत चार दिन पहले ही डुमरी के अशोक ने एसीबी से कर रखी थी. शिकायत के बाद तीन दिनों से एसीबी की टीम डीएसपी चंद्रेश्वर प्रसाद, पुलिस इंस्पेक्टर केएन सिंह व पुनि नुनुदेव राय के साथ जिला […]

गिरिडीह : तालाब निर्माण की प्राकल्लित राशि के बकाया का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत चार दिन पहले ही डुमरी के अशोक ने एसीबी से कर रखी थी. शिकायत के बाद तीन दिनों से एसीबी की टीम डीएसपी चंद्रेश्वर प्रसाद, पुलिस इंस्पेक्टर केएन सिंह व पुनि नुनुदेव राय के साथ जिला मुख्यालय में डटी थी.
दो दिन पहले ही अशोक की शिकायत का सत्यापन कर लिया गया था. इसके बाद से निगरानी के अधिकारी पास्कल को पकड़ने की योजना पर काम कर रहे थे.
बुधवार को एसीबी अधिकारियों ने अशोक को पैसे के साथ तीन-चार बार पास्कल के पास भेजा था, लेकिन पास्कल बार-बार जगह बदल रहा था. बताया जाता है कि बुधवार की रात को ही राकेश ने अशोक को पैसा लेकर गुरुवार की सुबह बुलाया था. हालांकि, जगह रात में नहीं बतायी गयी थी.
गुरुवार की सुबह में ही शिकायतकर्ता अशोक शहर पहुंच गया तो दूसरी ओर तीन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर निगरानी के अधिकारी भी शहर पहुंच गये थे. सुबह में अशोक ने राकेश पास्कल से संपर्क किया तो उसे अपने किराये के कमरे में बुलाया गया. यहीं पर रिश्वत लेते पास्कल धरा गया तो पास्कल का सहयोगी राकेश कुमार भी दबोचा गया.
पहले भी गिरफ्तार हो चुका है राकेश पास्कल
राकेश पास्कल दो वर्ष पूर्व भी पास्कल रिश्वत के 10 हजार रुपये के साथ पकड़ा जा चुका है. इससे पहले राकेश की गिरफ्तारी हजारीबाग में निगरानी की टीम ने ही की थी. अगस्त 2016 में राकेश चेकडैम निर्माण पूर्ण होने के बाद चार लाख रुपया का चेक देने के नाम पर लाभुक बड़कागांव के नरेश साव से 35 हजार रुपया की मांग कर रहा था.
उस दौरान 29 अगस्त 2016 को 10 हजार रूपया नगद लेते हुए राकेश पास्कल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त राकेश हजारीबाग के कनहरी रोड स्थित भूमि संरक्षण के कार्यालय में बतौर अमीन कार्यरत था.
उस समय राकेश पास्कल पर निगरानी की टीम ने कांड संख्या 5/2016 दर्ज किया था. राकेश पास्कल हजारीबाग जिले के जबरा का रहनेवाला है और इसके पिता का नाम पास्कल फ्रांसिस है, जबकि राकेश कुमार बिहार के मुज्जफरपुर का निवासी है. निगरानी की टीम अब इनके द्वारा अर्जित की गयी संपत्ति का भी ब्योरा निकालने की तैयारी में है.
धनबाद एसीबी की नौवीं सफलता
इधर,गुरुवार को दो सरकारी कर्मियों की गिरफ़्तारी के साथ ही धनबाद एसीबी को वर्ष 2018 में नौवीं सफलता मिली है. इसमें गिरिडीह में ही पांच सफलता मिली है. इससे पहले 30 अगस्त को एसीबी धनबाद की टीम ने मुर्गी शेड के नाम पर रिश्वत ले रहे रोजगार सेवक को बगोदर से गिरफ्तार किया था.
रोजगार सेवक मनोज रजक के 30 अगस्त 2018 को 3500 रुपये पकड़ा गया था. इसी वर्ष 13 जून को डुमरी अनुमंडल कार्यालय से लिपिक अभिषेक मालतो को निगरानी की टीम ने रिश्वत के चार हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. अभिषेक पीरटांड़ के एक व्यक्ति से आदेश की कॉपी के बदले रिश्वत ले रहा था.
इसी तरह 10 फरवरी को एसीबी ने खोरीमहुआ अनुमंडल के अमीन अनिरुद्ध प्रसाद सिंह को रिश्वत के पांच हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. अनिरुद्ध की गिरफ्तारी गावां थाना इलाके के दोनोसोतो से पकड़ा था. वहीं अप्रैल में ही बगोदर के जरमुन्ने मुखिया सुनीता देवी को 21 हजार रुपये के साथ एसीबी ने पकड़ा था. मुखिया पर सड़क निर्माण के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप था.
पास्कल के बैंक खाते में मिले छह लाख रुपये
दोनों की गिरफ्तारी के बाद निगरानी के अधिकारियों ने कड़ाई से पूछताछ शुरू की. दोनों से यह जानकारी ली गयी कि कमरे में इतनी मोटी रकम कहां से आयी है, किन-किन योजनाओ में रिश्वत ली गयी है, रिश्वत की राशि किसे-किसे दी जाती थी. पूछताछ करने के बाद दोनों के बैंक खाते का डिटेल भी लिया गया.
एसीबी के अधिकारियों को पता चला की राकेश कुमार का बैंक खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र तो राकेश पास्कल का खाता भारतीय स्टेट बैंक में हैं. अधिकारी दोनों के खाते की जांच करने बैंक गये. बताया जाता है कि लेखापाल राकेश के खाते में निगरानी को मात्र 2000 रुपया मिला, लेकिन पास्कल के बैंक खाते में 6 लाख जमा है. इसकी पुष्टि निगरानी के अधिकारी ने भी की है.

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