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बगैर मानदेय के काम कर रहे 709 साक्षरता कर्मी
गिरिडीह. साक्षर भारत मिशन में कार्यरत साक्षरता कर्मी बगैर मानदेय के काम कर रहे हैं. मिशन से जुड़े साक्षरता प्रेरकों को बीते कई माह से मानदेय नहीं मिला है. जबकि प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधकों का अक्टूबर 2015 से मानदेय बकाया चल रहा है. इसी प्रकार जिला कार्यालय में पदस्थापित जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम समन्वयक व […]
गिरिडीह. साक्षर भारत मिशन में कार्यरत साक्षरता कर्मी बगैर मानदेय के काम कर रहे हैं. मिशन से जुड़े साक्षरता प्रेरकों को बीते कई माह से मानदेय नहीं मिला है. जबकि प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधकों का अक्टूबर 2015 से मानदेय बकाया चल रहा है. इसी प्रकार जिला कार्यालय में पदस्थापित जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम समन्वयक व लेखापाल को फरवरी 2016 से मानदेय बकाया है. बताया जाता है कि पूरे जिले के विभिन्न प्रखंडों में 696 साक्षरता प्रेरक कार्यरत हैं. बेंगाबाद व बिरनी प्रखंड को छोड़ अन्य प्रखंडों में दस प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक कार्यरत है, वहीं जिला कार्यालय में डीपीएम, डीपीसी व लेखापाल के पद पर एक-एक साक्षरता कर्मी कार्यरत हैं.
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2011 के सितंबर माह में जिला स्तर पर साक्षरता अभियान को गति देने के लिए डीपीएम, डीपीसी व लेखापाल की नियुक्ति की गयी थी. इसी प्रकार दिसंबर 2011 में छह व अप्रैल 2012 में छह प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधकों की नियुक्ति हुई थी. बाद के दिनों में वर्ष 2017 तक के लिए पांच वर्षों का सेवा विस्तार दिया गया और इसके बाद पुन: नौ माह का सेवा विस्तार साक्षरता कर्मियों को मिला है. इस प्रकार यह मिशन गिरिडीह जिले में दिसंबर 2017 तक चलाया जायेगा.
साक्षरता प्रेरकों के बीच हुआ था कार्य का बंटवारा
साक्षर भारत मिशन को गति देने के लिए साक्षरता प्रेरकों के बीच काम का बंटवारा किया गया था.इसके तहत पंचायतों में गठित लोक शिक्षा केंद्र को संचालित करने, बीटी से समन्वयक स्थापित कर अभियान को गति देने, समय-समय पर लोक शिक्षा केंद्रों का अनुश्रवण करने तथा केंद्र को संचालित कराने की जिम्मेवारी साक्षरता प्रेरकों को दी गयी थी. साथ ही काम के एवज में प्रति माह दो हजार रुपये का मानदेय निर्धारित किया गया था, लेकिन आवंटन नहीं रहने के कारण जिले के विभिन्न पंचायतों में कार्यरत 696 साक्षरता प्रेरकों का मानदेय पिछले 11 माह से बकाया चल रहा है.
मानदेय के लिए किया गया है डिमांड : डीएसइ
डीएसइ कमला सिंह का कहना है कि साक्षरता कर्मियों को बकाया मानदेय उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तर पर डिमांड भेजा गया है.
अभी तक मानदेय मद में केंद्र सरकार की ओर से राशि नहीं भेजे जाने के कारण साक्षरता कर्मियों का मानदेय फंसा हुआ है. डीएसइ ने कहा कि राज्य स्तरीय बैठक में कई बार मामले को गंभीरता से उठाया जा चुका है. विभागीय सचिव ने आश्वस्त किया है कि केंद्र से आवंटन आने के बाद जिला को भेज दिया जायेगा. इसके बाद साक्षरता कर्मियों के लंबित मानदेय का भुगतान किया जायेगा.
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