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आज गया व पुनपुन में पितृपक्ष मेले का होगा उद्घाटन, दिल्ली और बोधगया से राजगीर के लिए चलेगी AC बस

तैयारी पूरी, उद्योग मंत्री करेंगे उद्घाटन मसौढ़ी : गुरुवार से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला पुनपुन का उद्घाटन सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक अपराह्न 3.30 बजे पुनपुन नदी घाट पर करेंगे. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद रामकृपाल यादव मौजूद रहेंगे. मेले को लेकर जिला व रेल प्रशासन तैयारी पूरी […]

तैयारी पूरी, उद्योग मंत्री करेंगे उद्घाटन
मसौढ़ी : गुरुवार से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला पुनपुन का उद्घाटन सूबे के उद्योग मंत्री श्याम रजक अपराह्न 3.30 बजे पुनपुन नदी घाट पर करेंगे. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद रामकृपाल यादव मौजूद रहेंगे.
मेले को लेकर जिला व रेल प्रशासन तैयारी पूरी कर ली है. गौरतलब है कि 12 से 28 सितंबर तक चलने वाले इस पितृपक्ष मेले में देश व विदेश खासकर नेपाल व भूटान से काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. अपने पूर्वजों को पहला पिंडदान पुनपुन में करने के बाद ही गया स्थित विष्णुपद मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं. 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में लोगों की अत्यधिक भीड़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी ओर से सारी व्यवस्था कर रखी है.
इस बाबत पुनपुन की प्रशिक्षु बीडीओ सह सीओ अर्शी शाहिन ने बताया कि पुनपुन आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए धर्मशाला के अलावा एक बड़ा पंडाल का निर्माण कराया गया है. शौचालय व पीने के पानी की समुचित व्यवस्था कर दी गयी है. सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं.
पिंडदान का खासा महत्व
पुनपुन पिंडदानियों के लिए प्रथम द्वार माना जाता है. अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने की परंपरा पौराणिक युगों से चली आ रही है. पुनपुन नदी घाट पर पिंडदान तर्पण के बाद श्रद्धालु गया फल्गू नदी के तट पर पिंडदान करते हैं. पुनपुन नदी में तर्पण करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति मिल जाती है. ऐसा लोगों का मानना है. पिंडदानियों के लिए पिंड स्थल पुनपुन घाट जहां तर्पण करने का महत्व गरुड़ पुराण में वर्णित है. पुनपुन अर्थात च्वनऋषि तपस्या करने के उपरांत जल का पात्र बार-बार गिर जाने को लेकर पुनः पुनः शब्द निकलने से पुनपुन का महात्म है. अध्यात्म के अनुसार भगवान श्रीराम भी अपने पिता दशरथ की मृत्यु के बाद पुनपुन नदी के तट पर पिंडदान कर पितृ मुक्ति से मुक्ति प्राप्त की. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.
गोदावरी सरोवर में होगा पहला पिंडदान, दिल्ली और बोधगया से राजगीर के लिए चलेगी AC बस
पिंडदानियों की सेवा के लिए गया सज-धज कर तैयार, अन्य प्रदेशों से पहुंचने लगे तीर्थयात्री
गया : 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले का उद्घाटन गुरुवार को होगा़ पिंडदानियाें की सेवा के लिए गयाजी पूरी तरह सज-धज कर तैयार हाे गया. इस बीच 17 दिवसीय श्राद्ध कार्य के लिए गयाजी आनेवाले तीर्थयात्री गयाजी पहुंचने लगे हैं.
पटना के रास्ते आनेवाले तीर्थयात्री पहला पिंडदान व तर्पण पुनपुन नदी में, जबकि दिल्ली की ओर से आने वाले तीर्थयात्री अनुग्रह नारायण राेड स्टेशन के समीप पुनपुना नदी में पिंडदान व तर्पण कर गुरुवार की देर रात तक गयाजी पहुंचेंगे. जाे लाेग पुनपुन नदी में नहीं कर सीधा गयाजी आयेंगे, उनके लिए यहां गाेदावरी सराेवर में पिंडदान, तर्पण का विधान है.
देर रात तक तैयारी में जुटे रहे अधिकारी, अब तीर्थयात्रियों का इंतजार
पटना. पितृपक्ष मेले में सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था को लेकर पुलिस मुख्यालय ने अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गयी है़ 1075 लाठी बल, तीन कंपनी सशस्त्र बल, तीन कंपनी महिला लाठी बल, 400 होमगार्ड अतिरिक्त बल के रूप में भेजे गये हैं. एसएसपी, गया ने मुख्यालय से बल की मांग की थी. यह बल 12 से 28 सितंबर तक मेला क्षेत्र में तैनात रहेगा.
सबसे अधिक बल मगध क्षेत्र से 331 हवलदार – सिपाही भेजे गये हैं. गया व रोहतास से बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया है. महिला बल में गया की महिला कंपनी (क्षेत्रीय रिजर्व ), बीएमपी 10 और दो बटालियन से भी एक -एक कंपनी कंपनी, महिला लाठी बल भेजा गया है. बीएमपी आरा से अश्वारोही बल नियुक्त किया गया है.
गया से दिल्ली और बोधगया से राजगीर के लिए चलेगी एसी बस
पितृपक्ष मेले में श्रद्धालुओं के लिए परिवहन विभाग की ओर से 13 सितंबर से गया में 15 नगर बस सेवा शुरू करेगा. वहीं, गया से दिल्ली और गया से राजगीर वाया नालंदा के लिए भी एक-एक एसी वॉल्वो बस का परिचालन होगा, जिसका फ्लैग ऑफ परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला 13 सितंबर को करेंगे.
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि नगर बस सेवा का परिचालन गया के तीन रूटों पर किया जायेगा. विष्णुपद से प्रेतशीला के लिए चार बस, विष्णुपद से बोधगया के लिए सात बस और गया रेलवे स्टेशन से विष्णुपद के लिए चार बसों का परिचालन होगा. दिल्ली से गया आने-जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर से वातानुकूलित वॉल्वो बस की सेवा शुरू होगी, जो 52 सीटर एसी बस होगा. किराया 1620 रुपये है. दिल्ली से गया और गया से दिल्ली की यात्रा कर सकेंगे.

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