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नहीं कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन

गया : चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग आचार संहिता तैयार करता है. सामान्य लोगों से लेकर प्रशासनिक महकमा व राजनीतिक दल व उनके प्रत्याशियों पर यह लागू होता है. बावजूद इसके कई बार जानकारी के अभाव में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि लोगों को चुनाव आयोग […]

गया : चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग आचार संहिता तैयार करता है. सामान्य लोगों से लेकर प्रशासनिक महकमा व राजनीतिक दल व उनके प्रत्याशियों पर यह लागू होता है. बावजूद इसके कई बार जानकारी के अभाव में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो जाता है.
ऐसे में बहुत जरूरी है कि लोगों को चुनाव आयोग द्वारा तय किये गये सभी नियमों की पूरी जानकारी हो. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम अभिषेक सिंह ने रविवार को आमजनों के लिए चुनाव आचार संहिता के तहत बनाये गये नियमों की जानकारी साझा की.
इसमें उन्होंने सामान्य लोग,राजनीतिक सभा,जुलूस,मतदान के दिन,सत्ताधारी दल व प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तय किये नियमों की जानकारी दी.
डीएम ने सभी से इन तमाम नियमों का हर स्थिति में पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इन नियमों को गंभीरता से पढ़ें और इसमें दी गयी जानकारी दूसरों को भी बताएं.
राजनीतिक सभा की रखें जानकारी : निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक सभाओं के लिए भी कुछ नियम तय किये हैं. इनमें सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना अनिवार्य माना जायेगा. दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है वहां निषेधाज्ञा लागू नहीं है.
सभी आयोजन तथा सभी स्थल में लाउडस्पीकर का उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करे.सभा के आयोजक विघ्न डालने वाले से निबटने के लिए पुलिस की मदद करें.
सत्ताधारी दलों के लिए निर्देश : चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन के पहले बिंदु में ही कहा है कि सत्ताधारी दल के लोगों अपने किसी भी क्रियाकलाप से शिकायत का मौका नहीं दें. मंत्री शासकीय मशीनरी व कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें.सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए नहीं हो.
सत्ताधारी दल के नेता हेलीपैड पर एकाधिकार नहीं जता सकते हैं.विश्राम गृह,डाक बंगला या सरकारी आवास पर भी एकाधिकार वर्जित है. सरकारी पैसों से विज्ञान जारी नहीं करना है. मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाये जायेंगे,जब वह सर्किट हाउस में ठहरेंगे. स्थानांतरण या पदस्थापना से जुड़े काम के लिए आयोग की मंजूरी आवश्यक है.
आचार संहिता के तहत बेसिक नियम
कोई दल ऐसा काम न करें,जिससे जाति,धार्मिक व भाषायी स्तर पर मतभेद पैदा हो. राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न की व्यक्तिगत.
धार्मिक स्थानों का प्रयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं करना है.मत पाने के लिए मतदाताओं को पैसे देना व परेशान करना अपराध की श्रेणी में है.
बिना अनुमति लिये किसी के घर की दीवार,अहाते या भूमि का उपयोग नहीं करना है. किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा नहीं डाल सकते. राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करें जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत हों. चुनाव घोषणा से पहले की योजनाएं जारी रह सकती हैं.
सूखा,बाढ़,महामारी व अन्य प्राकृतिक आपदा के लिए सहायता कार्य किया जा सकता है. इसके साथ ही गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को अनुदान,चिकित्सा सहायता के लिए काम जारी रह सकेगा.
सड़क की दायीं ओर से ही निकलेगा जुलूस
जुलूस का समय,शुरू होने का स्थान,मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को देना होगा. जुलूस का इंतजाम ऐसा हो जिसमें यातायात प्रभावित न हो.
राजनीतिक दलों का एक ही दिन,एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर लेना होगा.
जुलूस सड़क की दायीं ओर से ही निकलेगी. चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि जुलूस में ऐसी किसी भी चीज का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, जिसका दुरुपयोग उत्तेजना के मौकों पर किये जाने की संभावना हो.
अधिकारियों पर भी लागू हैं नियम
प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन,मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे.कोई भी मंत्री यदि दौरे पर अपने निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहां नहीं जायेंगे.
जिनकी ड्यूटी लगायी गयी है,उन्हें छोड़ कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे.राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे.
डीएम ने कहा कि मतदान के दिन के लिए भी कई नियम बने हैं.अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दिया जाना चाहिए. मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न,अभ्यर्थी या दल का नाम नहीं होना चाहिए.
निर्वाचन आयोग द्वारा तय नियमों के मुताबिक चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद से परिणाम आने तक सभा व वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा निर्देश तैयार किये गये हैं. इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक व शहरी क्षेत्र में सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक ही लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति होगी.

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