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घर में घुसने नहीं दिया तो जहर खाकर दी जान

ससुराल की चौखट पर बैठी थी श्वेता, चौकीदार था तैनात भीड़ की रोड़ेबाजी पर पुलिस ने भांजीं लाठियां, सीओ को लगी चोट गया : मेडिकल थाना क्षेत्र के चपरदह गांव में शुक्रवार की आधी रात के बाद करीब दो बजे एक महिला ने ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. महिला […]

ससुराल की चौखट पर बैठी थी श्वेता, चौकीदार था तैनात

भीड़ की रोड़ेबाजी पर पुलिस ने भांजीं लाठियां, सीओ को लगी चोट
गया : मेडिकल थाना क्षेत्र के चपरदह गांव में शुक्रवार की आधी रात के बाद करीब दो बजे एक महिला ने ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. महिला श्वेता कुमारी की शादी 2015 में चपरदह गांव के रहनेवाले सत्येंद्र नारायण सिंह के शिक्षक बेटे नागेंद्र सिंह उर्फ छोटू से हुई थी. शादी के बाद से ही ससुरालवाले श्वेता को मायके से दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करते आ रहे थे. इस मामले में कोर्ट में मामला भी चल रहा है. पता चला है कि ससुरालवालों ने महिला को मायके से लौटने के बाद घर के अंदर नहीं घुसने दिया था. वह अपनी दो माह की बेटी के साथ शुक्रवार की दोपहर से ससुराल की चौखट पर बैठी थी. रात में पंचायती भी हुई थी और पुलिस भी मौके पर पहुंची थी, पर ससुरालवाले नहीं माने. अंत में पुलिस ने महिला की सुरक्षा के लिए एक चौकीदार को मौके पर तैनात कर दिया. देर रात महिला ने आत्महत्या कर ली.
चौकीदार की सूचना पर देर रात मौके पर पहुंची पुलिस महिला के शव को लेकर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची. शनिवार की दोपहर पोस्टमार्टम के बाद महिला का शव परिजनों को दिया गया, बवाल शुरू हो गया. शव लेकर परिजनों ने सिकरिया मोड़ पहुंच कर सड़क जाम कर दी. वहां मौजूद मेडिकल थानाध्यक्ष लाल बिहारी पासवान ने लोगों को समझाने का प्रयास, पर फायदा नहीं हुआ. एसडीओ सूरज कुमार सिन्हा व सीओ विजय कुमार सिंह भी पहुंचे. इस दौरान लोगों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी. एसडीओ ने लाठीचार्ज का आदेश दिया. कुछ देर के लिए सिकरिया मोड़ रणक्षेत्र बन गया. घटना में कई अफसरों को चोटें भी आयी हैं. एसडीओ ने बताया कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर सड़क जाम करना आम बात होती जा रही है. जाम कर रहे दो लोगों को पकड़ा गया
है. विधि व्यवस्था बिगाड़ने वालों
घर में घुसने…
मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. आत्महत्या मामले की जांच की जायेगी. वहीं, मेडिकल थानाध्यक्ष लाल बिहारी पासवान ने बताया कि इस मामले में दहेज प्रताड़ना का केस पहले से ही कोर्ट में चल रहा है. शुक्रवार को महिला अपनी बच्ची के साथ अपने मायके औरंगाबाद के नवीनगर के धोपडीहा गांव से चपरदह पहुंची थी, लेकिन ससुराल के लोगों ने घर के अंदर नहीं घुसने दिया. पुलिस अफसर भी कई बार समझाने गांव गये. अंत में एक चौकीदार को प्रतिनियुक्त कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि पुलिस किसी को चपरदह गांव से पकड़ कर नहीं लायी. श्वेता के ससुराल के लोग ही रात में एसएसपी आवास पर चले गये. वहां से सिर्फ उसके सास व ससुर ही थाने पहुंचे हैं. लड़की पक्ष की ओर से ससुराल के लोगों के खिलाफ आवेदन दिया गया है. रोड़ेबाजी व रोड जाम के मामले में रामपुर थाने में 30 नामजद व 100 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें दो को गिरफ्तार किया गया है.
दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे ससुरालवाले
महिला के पिता औरंगाबाद जिले के नवीनगर के धोपडीहा गांव के विजय सिंह ने बताया कि बेटी का घर बस जाये इसके लिए उन्होंने औकात से बढ़ कर दामाद की मांगों को पूरा किया. हाल में वह बीएड कोर्स में एडमिशन के लिए दो लाख देने का दबाव बना रहे थे. उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि उनकी इस मांग को पूरी किया जाये. शुक्रवार को श्वेता अपनी दो माह की बच्ची के साथ ससुराल पहुंची थी. पर ससुराल में किसी ने उसे घर के अंदर घुसने नहीं दिया. इस मामले में गांव के लोगों ने पंचायती की, लेकिन ससुराल के लोग उसके बाद भी नहीं माने. तीन बजे के करीब मेडिकल थाने की पुलिस आयी और ससुराल पक्ष से बात कर चली गयी. छह बजे शाम को भी पुलिस आयी. उसके बाद रात में पुलिस ने आकर ससुराल के गेट पर बैठी श्वेता के पास एक चौकीदार विनोद पासवान को तैनात कर दिया. उसके बाद बच्ची की हत्या ससुराल के लोगों ने रात में ही जहर देकर कर दी. देर रात को श्वेता के ससुराल के लोगों को पुलिस थाने भी ले गयी थी.
महिला की सुरक्षा के लिए थाने से किया गया था चौकीदार को प्रतिनियुक्त
मायके के लोगों ने लगाया ससुराल पक्ष पर जहर खिला कर मारने का आरोप
आक्रोशित लोगों ने लाश रख कर सिकरिया मोड़ के पास जाम की सड़क
चपरदह गांववाले ही उतर गये श्वेता के पक्ष में
श्वेता की मौत की सूचना पर मायके से पिता व कुछ महिलाएं ही मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचीं, जबकि श्वेता के पक्ष में उसके ससुराल के गांववाले ही उतर गये. गांववालों का आरोप था कि मेडिकल थाने की पुलिस अगर रात में श्वेता को
भी अपने
चपरदह गांववाले ही…
साथ थाने लाती, तो उसकी जान नहीं जाती. गांववालों ने बताया कि पुलिस शुक्रवार को श्वेता के आने के बाद कई बार गांव में गयी. लेकिन, हर बार सिर्फ खानापूर्ति कर ही लौट आयी. रात में मेडिकल थाने से एक चौकीदार को श्वेता के पास तैनात कर दिया गया था. इसके बाद भी श्वेता की मौत होना संदेह पैदा करता है. पुलिस अपने साथ चपरदह के अन्य लोगों को थाने तक नहीं ले गयी. सिर्फ श्वेता के ससुर सत्येंद्र नारायण सिंह व सास सुगनी देवी को ही थाने तक लेकर पहुंची. देर शाम तक श्वेता की दो माह की बच्ची मेडिकल थाने में ही महिला पुलिसकर्मियों की देखरेख में थी.

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