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बुद्ध को नमन कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन, कहा – प्रेम व भाईचारे से होगा समाज का विकास

बोधगया : बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया के कालचक्र मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि बौद्ध महोत्सव का अायोजन मात्र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संदेश है. उन्होंने बुद्ध के विचार व उपदेश का हवाला देते […]

बोधगया : बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया के कालचक्र मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि बौद्ध महोत्सव का अायोजन मात्र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संदेश है.
उन्होंने बुद्ध के विचार व उपदेश का हवाला देते हुए कहा कि बुद्ध ने प्रेम, शांति व अहिंसा का संदेश दिया था. आज हम देश, दुनिया व समाज में टकराव का माहौल देख रहे हैं. इससे विकास संभव नहीं होगा. हमें विकास के लिए बुद्ध के भाईचारे व प्रेम का भाव अपने अंदर रखना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में बन रहे टकराव के माहौल से छुटकारा दिलाना होगा, तभी पृथ्वी को बचाया जा सकता है. जब तक पर्यावरण और अपने स्वभाव पर ध्यान नहीं देंगे, इस तरह से स्वभाव में टकराव का माहौल रहेगा, तो बहुत आगे तक नहीं चल सकेंगे. नालंदा विवि के निर्माण में कंप्लीट रिजाॅल्यूशन सेंटर का निर्माण होना चाहिए. दुनिया में जितने प्रकार के मतभेद हैं, उसे दूर करने के लिए वहां सेंटर बनना चाहिए.
बुद्ध के विचार पर चर्चा करें और उसके वैज्ञानिक पहलू पर चर्चार करेंगे, तो विवादों का निदान संभव है. सभी धर्मों के प्रति हमारे मन में समभाव का माहौल होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध महोत्सव सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है. इससे पूरे विश्व को सहिष्णुता का संदेश जाना चाहिए. महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष है, जहां महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई.
कई बार इसे खंडित करने की कोशिश की गयी. लेकिन, यह संभव नहीं हो सका. सभी बौद्ध धर्मावलंबियों का स्वागत करते हुए उनको आश्वस्त करता हूं कि आपको बिहार व बोधगया में किसी प्रकार तकलीफ नहीं होगी. बौद्ध महोत्सव के अवसर पर आपस में भाईचारा को माहौल, प्रेम और सद्भावना का वातावरण रख कर खुद भी आगे बढ़ सकेंगे और समाज को भी आगे बढ़ा सकेंगे.
महोत्सव को दिया जा रहा अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध महोत्सव के आयोजन के पूर्व के वर्षों में भी मैं भाग लेता रहा हूं. हर साल फरवरी में आयोजन होता था. पिछले साल मैंने एक सुझाव दिया था कि पूजा अवधि में इसका आयोजन करें, ताकि श्रद्धालु भी इसका लाभ उठा सकें.
निग्मा पूजा के दौरान इसका आयोजन गया है. महाबोधि मंदिर जाने पर जानकारी मिली कि आठ से 10 लाख श्रद्धालु यहां पूजा कर रहे हैं. बौद्ध महोत्सव का आयोजन है. यह सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है. इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान की जा रही है.
इसका आयोजन राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है. इसमें जिला प्रशासन व बीटीएमसी की भूमिका होती है. बीटीएमसी के सचिव ने जब से अपनी सेवा दी है, तब से बौद्ध महोत्सव का आयोजन भव्य होता चला गया. बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा विभिन्न देशों के कलाकारों और श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया जाता है.
राज्य सरकार हर जरूरत को करेगी पूरी सीएम ने कहा कि बोधगया के स्वरूप को और बेहतर बनाने के लिए जो भी आवश्यकता है, राज्य सरकार उसे पूरा करेगी. महाबोधि कल्चर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिस पर कार्य शुरू हो चुका है. 13 एकड़ की जमीन पर 145 करोड़ रुपयों की लागत से काम शुरू हो गया है. भवन निर्माण विभाग ने 2020 में बिहार दिवस तक इसे तैयार कर लेने की बात कही है.
तीर्थयात्रियों के लिए बढ़ायी गयीं सुविधाएं
सीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध का ज्ञान व संदेश- प्रेम, शांति और अहिंसा है. बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनकी सोच वैज्ञानिक है. बुद्ध कहते थे कि मैं जो बोल रहा हूं, उसे सोच विचार कर ही मानो. यही बुद्ध के उपदेशों का साइंटिफिक अप्रोच है. कई देशों में बौद्ध धर्म को लोगों ने अपनाया है और आज भी बड़ी संख्या में कई देशों में बौद्ध धर्मावलंबी हैं.
बौद्ध धर्म मानने वालों में बुद्ध के जन्मस्थल के साथ अन्य स्थानों में जाने की इच्छा होती है. लेकिन, ज्ञान प्राप्ति और प्रथम उपदेश के स्थान पर लोग जाते हैं. पहले यहां अतिथियों के लिए व्यवस्था नहीं थी.
उन्हें काफी परेशानी होती थी. अब उनसे जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है. महाबोधि मंदिर विश्व धरोहर है. कभी-कभी आश्चर्य होता है. बोधगया की घटना के बाद बीटीएमसी ने सुरक्षा व्यवस्था में काफी सुधार किया है.
पहले अाने व जाने का एक ही रास्ता था. अब कई रास्ते खोले गये हैं. महाबोधि मंदिर की सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई दिशा पर काम हुआ. उसका सौंदर्यीकरण भी किया गया. इन सब चीजों पर राज्य सरकार ने ध्यान दिया है.
देशी-विदेशी कलाकारों ने झुमाया
बोधगया. बोधगया के कालचक्र मैदान में शुक्रवार की शाम देसी-विदेशी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए हजारों लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. दर्शक दीर्घा में भी स्थानीय सहित कई देशों के नागरिक मौजूद थे. बौद्ध महोत्सव के पहले दिन सांस्कृतिक संध्या का आह्वान बिहार गौरव गान के साथ हुआ.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में कलाकारों ने बिहार गौरव गाथा सुना कर व अपनी जोशिले अंदाज में नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. इसके बाद लावोस के कलाकारों ने गीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किया.
कालचक्र मैदान में बने भव्य मंच पर ओड़िशा के नृत्य स्टाइल पर रवींद्र खुराना ने बुद्ध वंदना की प्रस्तुति की. इसके बाद इंडोनेशिया ने इंडिया व कंबोडिया के फ्रेंडशिप पर आधारित नृत्य कंबोडिया की कल्चरल टूप में प्रस्तुत किया. इसके बाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहा और बॉलीवुड के गायक मोहित चौहान ने अपनी हिट गानों की प्रस्तुति से युवाओं की तालियां बटोरी.
मोहित चौहान ने हिमाचल प्रदेश की एक गीत के साथ ही अपने कई गानों को एक के बाद एक प्रस्तुत किया. बीच में थोड़ी देर ब्रेक के बाद राजस्थान के कलाकारों ने थोड़े ही समय में अपनी धमाकेदार प्रस्तुत से हजारों दर्शकों की तालियां बटोरी.
राजस्थान की महिला कलाकारों ने जहां कला का प्रदर्शन करते हुए लोगों का मन मोहा, वहीं नार्थ सेंट्रल कल्चरल जोन, हरियाणा के कलाकारों ने धमाकेदार प्रस्तुति देकर सर्द में भी गर्मी का एहसास करा दिया. इसके बाद म्यांमार, इंडोनेशिया व लावोस के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति की.
सांस्कृतिक संध्या का समापन मोहित चौहान के गानों के साथ हुआ. कार्यक्रम के समापन पर डीएम अभिषेक सिंह ने मोहित चौहान को मेमोंटो व शॉल देकर सम्मानित किया. इसके बाद मगध आयुक्त टीएन बिंदेश्वरी ने रवींद्र खुराना को मेमोंटो भेंट कर सम्मानित की.
आज आयोजित होनेवाले कार्यक्रम
कालचक्र मैदान में आयोजित बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार की सुबह साढ़े 10 बजे से दो बजे दोपहर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम के सात बजे से रात 11 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा.
तय कार्यक्रम के अनुसार, शनिवार की सुबह सबसे पहले गया के कव्वाली बच्चा नसीम कौसर की कव्वाली के बाद भूटान के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. दिन में ही श्रीलंका व हिमाचल प्रदेश के कलाकारों के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति की जायेगी.
अन्य कार्यक्रमों में मोहिनी अग्रवाल का भजन, नीलम सिन्हा का फॉक सांग, नवेंदु भटाचार्या का क्लासिक म्यूजिक, कौशिक मित्रा का सूफी सांग की प्रस्तुति होगी. वहीं, शाम को विदेशी कलाकार के साथ ही बॉलीवुड की सिंगर रिचा शर्मा की गीत-संगीत का आनंद लोग उठायेंगे.

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