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बोधगया में मिला आठ माह पहले प्लांट किया गया जिंदा बम

बोधगया : विगत जनवरी महीने की 19 तारीख को बोधगया में कई जगह बम प्लांट करने की घटना की जांच के सिलसिले में यहां पहुंची एनआईए की टीम के आश्चर्य का तब ठिकाना नहीं रहा, जब शनिवार को यहां आठ महीने पहले प्लांट किये गये एक जिंदा बम से उसका सामना हुआ. यह एक आईईडी […]

बोधगया : विगत जनवरी महीने की 19 तारीख को बोधगया में कई जगह बम प्लांट करने की घटना की जांच के सिलसिले में यहां पहुंची एनआईए की टीम के आश्चर्य का तब ठिकाना नहीं रहा, जब शनिवार को यहां आठ महीने पहले प्लांट किये गये एक जिंदा बम से उसका सामना हुआ. यह एक आईईडी बम बताया गया है, जिसे देर शाम निरंजना नदी में भारी सुरक्षा के बीच निष्क्रिय कर दिया गया.
उधर, बम बरामदगी की ताजी घटना से स्थानीय सुरक्षाकर्मियों व सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेवार अधिकारियों-कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. दरअसल, शनिवार को ही एनआईए की एक टीम बोधगया में बम रखे जाने की जनवरी की घटना की जांच के तहत एक डेमो (व्यावहारिक प्रदर्शन) के लिए ऊपरोक्त मामले में पकड़े गये उमर नामक एक आतंकी को साथ लेकर यहां पहुंची थी.
डेमो के दौरान ही उमर की निशानदेही पर शौचालय से बम बरामद हुआ. आतंकी उमर का असली नाम दिलावर हुसैन है, जो कालिया चक, मालदा का रहनेवाला है.
जिंदा बम आठ महीने से ज्यों की त्यों पड़ा था
लखनऊ में तैनात एएसपी सुधांशु सिंह के नेतृत्व में आयी एनआइए टीम के फरमान पर डेमो के लिए आगे बढ़ा उमर 19 जनवरी को बोधगया में कैसे-क्या हुआ था, यह दिखाते हुए अति संवेदनशील कालचक्र मैदान व कब्रिस्तान के बीच स्थित एक पुरुष शौचालय तक पहुंचा. उसके कहने-बताने पर इस बंद शौचालय को खोला गया.
पर, शौचालय खुलते ही मौके पर मौजूद जांच अधिकारियों की आंखें चार हो गयीं. बंद पड़े इस शौचालय में एक जिंदा बम पिछले आठ महीने से ज्यों की त्यों पड़ा था. शनिवार की शाम बम को शौचालय से निकाल कर निरंजना नदी में बम निरोधक दस्ते द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया.
उधर, जिंदा बम बरामद होने से परेशान एनआईए के अधिकारी पूरे मामले की व्यापक पड़ताल में जुट गये हैं. पता चला है कि अब तक जांच जिस दिशा में आगे बढ़ी है, उसकी भी समीक्षा हो रही है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी मामले में पकड़े गये कौसर, साहिल और आदिल नामक आतंकवादियों को भी बोधगया लाकर सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर चुकी हैं, डेमो ले चुकी हैं. इस बीच, उमर से डेमो और मौखिक पूछताछ में एनआईए के अधिकारी अधिक से अधिक तथ्य तलाशने में जुटे हुए हैं.
तीसरी बार दहलने से बचा बोधगया
बोधगया : आतंकियों के निशाने पर आ चुका महाबोधि मंदिर व बोधगया एक बार फिर से यानी तीसरी मर्तबा दहलने से बच गया. पिछले 19 जनवरी को बोधगया के महाबोधि मंदिर के बाहर, श्रीलंका बौद्ध मठ व कालचक्र मैदान के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में बमों को प्लांट करनेवाले आतंकियों ने एक शक्तिशाली टाइमर बम को कालचक्र मैदान के पूर्वी क्षेत्र व कब्रिस्तान के पश्चिम में स्थित बस पड़ाव पर बने पुरुष शौचालय में छुपा रखा था.
यहां यह बम शौचालय के फ्लसर में डाला गया था. संयोग से शौचालय को काफी पहले से ही बंद किया हुआ था, जिसके कारण फ्लसर में रखे बम के बारे में किसी को भनक तक नहीं लगी. लोगों व सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि किसी कारण से अगर बम विस्फोट कर जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था.
करीब तीन किलो से ज्यादा वजनी आईईडी को पहले बरामद बमों की ही तरह तैयार किया गया था व उसमें टाइमर भी लगा हुआ था. ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि दलाईलामा के प्रवास स्थल के चारों तरफ बमों का जाल बिछा दिया गया था, ताकि सिलसिलेवार विस्फोट होने की स्थिति में ज्यादा से ज्यादा जान-माल का नुकसान हो सके. बहरहाल, एनआइई की गिरफ्त में बोधगया लाया गया बमों को प्लांट करनेवाला एक आतंकी कालिया चक, मालदा का रहने वाला दिलावर हुसैन उर्फ उमर यहां पूछताछ के दौरान पहले श्रीलंका बौद्ध मठ के पास पहुंचा, जहां दो बमों को प्लांट किया था व उसके बाद वह कालचक्र मैदान के पास स्थित शौचालय के पास पहुंचा.
हालांकि, तब शौचालय के गेट में ताला बंद था. आतंकी उमर की मौजूदगी में शौचालय का ताला खुलवाया गया और उमर ने शौचालय के अंदर पहुंच कर बताया कि उक्त फ्लसर में बम रखा था. लेकिन, एनआईए के अधिकारियों ने जब देखा कि फ्लसर में अब भी बम मौजूद है, तो उनके चेहरे का रंग देखने लायक था. आनन-फानन में शौचालय को सुरक्षा घेरा में ले लिया गया और बम निरोधक दस्ते की खोजबीन शुरू कर दी गयी.
करीब साढ़े तीन घंटे बाद एसएसबी के अधिकारी पहुंचे व बड़ी सावधानी के साथ शौचालय में पड़े बम को बम बकेट में रख कर एक ओपेन गाड़ी से निरंजना नदी तक पहुंचाया गया. इसके बाद करीब दो फुट गड्ढा खोद कर उसमें बम को रखा गया. इसके बाद शाम 6:27 बजे बम को विस्फोट करा दिया गया.
इस दौरान एक बड़ा धमाका हुआ. मौके पर मौजूद एनआईए की टीम ने बम के अवशेष यानी टुकड़ों को एकत्रित किया व एफएसएल में जांच के लिए साथ लेते गये. इस दौरान कड़ी सुरक्षा में उमर को भी मौके पर एक गाड़ी में साथ रखा गया था. एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि बम के विस्फोट हो जाने पर काफी नुकसान हो सकता था.

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