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नेपाल ने चीन से फिर मिलाया हाथ, इंफ्रास्टक्चर सेक्टर में किये आठ बड़े करार

बीजिंग : नेपाल ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अपने यहां पनबिजली, सीमेंट और कुछ अन्य क्षेत्रों में बुनियादी औद्योगिक सुविधाओं के विकास के लिए यहां करार किये. मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गयी है. नेपाल के अखबार द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन और नेपाल की […]

बीजिंग : नेपाल ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अपने यहां पनबिजली, सीमेंट और कुछ अन्य क्षेत्रों में बुनियादी औद्योगिक सुविधाओं के विकास के लिए यहां करार किये. मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गयी है. नेपाल के अखबार द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन और नेपाल की सरकार तथा निजी कंपनियों के बीच ये करार जलविद्युत परियोजनाओं के विकास, सीमेंट उद्योग और ऊंचे स्थानों पर फुड पार्क बनाने के लिए किये गये हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन की यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समक्ष नेपाली दूतावास में इन करार पर हस्ताक्षर किये गये. अखबार ने कहा कि नेपाल के निवेश बोर्ड और चीन की कंपनी हुआशिन सीमेंट नारायणी प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक करार किया गया. इसके तहत चीन की कंपनी नेपाल में प्रति दिन तीन हजार टन सीमेंट उत्पादन के लिए 14.4 अरब रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करेगी.

एक अन्य करार बिरिंग, कमला और कणकई नदी में पूर्वी तराई सिंचाई प्रणाली की विस्तृत वहनीयता अध्ययन के लिए किया गया. दोनों देश 4.6 करोड़ डॉलर निवेश से ऊंचे इलाकों में फलों एवं सब्जियों की विभिन्न किस्मों के उत्पादन के लिए फुड पार्क बनाने का भी करार किया. दोनों देश 164 मेगावाट क्षमता की नेपाल कालीगंडकी गॉर्ज जलविद्युत परियोजना के विकास पर भी सहमत हुए.

इनके अलावा, एक करार आभियांत्रिकी, खरीद, निर्माण एवं वित्तपोषण (ईपीसीएफ) आधार पर 40.27 मेगावाट क्षमता वाली सिउरी न्यादि जलविद्युत संयंत्र परियोजना के निर्माण के लिए किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, चीन में नेपाली पश्मीना की बिक्री के लिए सीआईसी म्युचूअल ट्रेड इंवेस्टमेंट कंपनी के वन बेल्ट वन रोड इंटरनेशनल ट्रेड प्लेटफॉर्म और नेपाल पश्मीना इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के बीच भी एक करार किया गया.

इसके तहत प्रति वर्ष चीन से दो लाख से पांच लाख इकाइयों का ठेका मिलेगा. छह सौ मेगावाट क्षमता की मर्स्यांगदी कैस्केड जलविद्युत परियोजना में तालमेल के लिए रूपरेखा अनुबंध के बारे में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. दोनों पक्ष ईपीसीएफ आधार पर 75 मेगावाट क्षमता की त्रिशुली गल्छी जलविद्युत परियोजना के निर्माण पर भी सहमत हुए.

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