नयी दिल्ली : नये आयकर कानून का मसौदा तैयार करने वाली अखिलेश रंजन समिति जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. संभावना जाहिर की जा रही है कि यह समिति आगामी पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट से पहले रिपोर्ट दे सकता है. सरकार ने मई में समिति का कार्यकाल दो महीने यानी 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था. सरकार के आदेश में यह भी कहा गया है कि मुख्य आर्थिक सलाहकर (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम समिति के सदस्य के रूप में पूर्व सीईए का स्थान लेंगे.
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इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा आकयर कानून की नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए गठित अखिलेश रंजन समिति वित्तीय लेन-देन के प्रतिसत्यापन के साथ विभिन्न एजेंसियों के बीच आंकड़ों को साझा करने की व्यवस्था पर भी विचार करेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाले कार्यबल के लिये कार्य दायरा व्यापक किया गया है. इसमें बिना मौजूदगी के और चुपचाप सत्यापन/जांच/आकलन और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर अनुपालन बोझ में कमी लाना शामिल है.
सीबीडीटी की ओर से बुधवार को जारी कार्यालय आदेश के अनुसार, समिति अन्य बातों के अलावा वस्तु एवं सेवा कर, सीमा शुल्क, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और वित्तीय आसूचना इकाई के बीच सूचना साझा करने से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर भी गौर करेगी. इसके अलावा, कार्यबल कानूनी मुकदमों में कमी लाने तथा अपील मामलों के शीघ्रता से निपटान के उपायों पर भी विचार करेगी. कार्य दायरा बढ़ाने के साथ राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव ऋतविक पांडे को इसका सदस्य बनाया गया है. वित्त मंत्रालय की मंत्रालय की ओर से पिछले साल नवंबर में समिति का गठन किया गया था.