-आनंद जायसवाल-
दुमका : दुमका पुलिस को गणतंत्र दिवस से पहले बड़ी सफलता मिली है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत दुमका पुलिस के प्रयास नयी दिशा के तहत दुमका के तीन हार्डकोर नक्सली राजेंद्र राय, छोटा श्यामलाल देहरी और रिमिल दा ने दुमका पुलिस के सामने आत्मसर्पण किया है. तीनों नक्सलियों ने एसएसबी के आईजी संजय कुमार, संथाल परगना के डीआईजी राजकुमार लकड़ा, दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी, पुलिस अधीक्षक वाई एस रमेश सहित एसएसबी के अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया.
एक लाख का इनामी रहा है छोटा श्यामलाल
काठीकुंड के सरूवापानी पहाड़िया टोला का श्यामलाल देहरी उर्फ संतु उर्फ श्याम देहरी एक लाख का इनामी रहा है. संगठन में वह दस्ता सदस्य रहा है. मई 2013 में उसने नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. सात नक्सली वारदातों में उसकी संलिप्तता रही है. उसके पास से एक पिस्टल भी बरामद हुई है.
सब जोनल कमांडर राजेंद्र पर 5 लाख का था इनाम
भाकपा माओवादी संगठन में सब जोनल कमांडर के रूप में सक्रिय गहना राय उर्फ राजेंद्र राय उर्फ झिलमिल काठीकुंड प्रखंड के आसनबनी का रहने वाला है. 2015 में पिता की मौत के बाद वह दस्ते के संपर्क में आया और हत्या, आगजनी, भयादोहन आदि में लगा रहा. उसने राइफल के साथ आत्मसमर्पण किया है. वह छह बड़े नक्सली वारदात में शामिल रहा है.
मां-बाप को खोने के बाद सब जोनल सदस्य रिमिल शामिल हुआ था दस्ते में
मां बाप को खोने के बाद शिकारीपाड़ा के सितासाल जोलडंगाल का रिमिल दा उर्फ रिमिल हेम्ब्रम नक्सली दस्ते में शामिल हुआ था, वह 2013 से अब तक आठ नक्सली वारदात में शामिल रहा है. दस्ते में वह भी राइफल लेकर चलता था, उसी राइफल के साथ उसने सरेंडर किया है. उसने कहा कि वह झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित है.