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20 महीने बाद ढुलू पर धनबाद थाना में रंगदारी की प्राथमिकी

धनबाद : झारखंड में भाजपा के सत्ता से बेदखल होते ही बाघमारा विधायक ढुलू महतो की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. पुराने मामले को लेकर मुकदमे होने लगे हैं. शनिवार को जहां एक वर्ष पुराने मामले में ढुलू महतो के समर्थकों पर मामला दर्ज किया गया, वहीं दूसरे दिन रविवार को पुलिस ने ओरिएंटल आउटसोर्सिंग कंपनी […]

धनबाद : झारखंड में भाजपा के सत्ता से बेदखल होते ही बाघमारा विधायक ढुलू महतो की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. पुराने मामले को लेकर मुकदमे होने लगे हैं. शनिवार को जहां एक वर्ष पुराने मामले में ढुलू महतो के समर्थकों पर मामला दर्ज किया गया, वहीं दूसरे दिन रविवार को पुलिस ने ओरिएंटल आउटसोर्सिंग कंपनी के 20 महीने से लंबित आवेदन पर विधायक ढुलू महतो के खिलाफ धनबाद थाना में रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज की है. उनके िखलाफ 385, 506, 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

क्या है शिकायत : कंपनी के तत्कालीन असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (एवीपी) एसएस सेठी के आवेदन के अनुसार 14 जून 2018 को बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने कंपनी के साइट मैनेजर मुकेश चंदानी को सर्किट हाउस बुलाया.
विधायक ने चंदानी को धमकी देते हुए कहा कि हमारी शिकायत सीएम से करो या पीएम से, हमारा कुछ नहीं होने वाला. मगर वह (ढुलू महतो) चाहेंगे तो कंपनी को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं. उनके पास ऐसे-ऐसे समर्थक हैं जो उनके कहने पर चंदानी और उसके बॉस एसएस सेठी पर झूठा दुष्कर्म व एससी-एसटी का मामला दर्ज करवा सकते हैं.
इसके अलावा उसकी कंपनी का काम भी पूरी तरह ठप करा सकते हैं. काम करना है तो जो उन्होंने पहले कहा है वह करना पड़ेगा. नहीं तो काम बंद रहेगा. इस मामले की शिकायत 20 माह पूर्व की गयी थी. मगर मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी.
10 करोड़ मांगने का लगाया था आरोप
मेसर्स ओरिएंटल इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन एवीपी एसएस सेठी ने 2014 में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि गोविंदपुर एरिया के ब्लॉक-फोर में चल रहे काम में ढुलू महतो विवाद पैदा कर रहे थे. काम करने के एवज में वह दस करोड़ रुपये रंगदारी की मांग कर रहे थे.
नियम है कि आउटसोर्सिंग कंपनी जब खुद से काम छोड़ेगी तो उसे पेनल्टी के रूप में बीसीसीएल को पैसा देना होता है. इसी के लिए ढुलू महतो द्वारा कंपनी पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. एवीपी के अनुसार ढुलू महतो जबरन कंपनी की गाड़ियां व डीजल को अपने निजी काम के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.
ताकि इससे कंपनी परेशान होकर या तो उन्हें दस करोड़ रुपये दे या फिर अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर चले जाये. इसकी शिकायत एसएस सेठी ने उस वक्त मुख्यमंत्री से भी की थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि ढुलू महतो अपने निजी स्वार्थ के लिए मजदूरों को काम करने नहीं दे रहे हैं. वहीं मामले में विधायक ने सारे आरोप को मनगढ़ंत बताया था.

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