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मामा और भाई को बचाने गहरे पानी में कूदा सूरज

चिरकुंडा की बराकर नदी के गहरे पानी में डूब गये मामा-भांजा दोनों के घरों में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल बरमसिया में भांजा, तो हीरापुर में रहता है मामा का परिवार धनसार/धनबाद : चिरकुंडा स्थित बराकर नदी में डूबे हीरापुर के राजू कुमार दास (32) और उनके 12 वर्षीय भांजे बरमसिया निवासी राजू कुमार […]

चिरकुंडा की बराकर नदी के गहरे पानी में डूब गये मामा-भांजा

दोनों के घरों में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

बरमसिया में भांजा, तो हीरापुर में रहता है मामा का परिवार

धनसार/धनबाद : चिरकुंडा स्थित बराकर नदी में डूबे हीरापुर के राजू कुमार दास (32) और उनके 12 वर्षीय भांजे बरमसिया निवासी राजू कुमार उर्फ चंदन कार्तिक के परिवार में चीख-पुकार मची है. दोनों परिवार सदमे में हैं. उनके डूबने की खबर मिलते ही बरमसिया और हीरापुर स्थित आवास में सन्नाटा पसर गया. मोहल्ले के लोग भी घटना से मर्माहत हैं. लोगों ने बताया कि राजू का परिवार हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर बराकर नदी में स्नान करने जाता था.

इस वर्ष भी वे लोग ट्रेन से बराकर स्टेशन पर उतर नदी में स्नान करने गये थे. दोनों परिवारों के सदस्य बराकर चले गये हैं. भांजा राजू के बरमसिया स्थित आवास पर ताला लगा है. आसपास के लोगों ने बताया कि प्रदीप दास की पत्नी ज्ञांती देवी अपने बड़े पुत्र सूरज कुमार दास और छोटे पुत्र राजू कुमार को लेकर अपने भाई राजू कुमार दास के साथ कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने ट्रेन से बराकर गये थे. साथ में भाई राजू की पत्नी, मां व दो बच्चे भी थे.

भाई के घर से रवाना हुए बराकर : ज्ञांती अपने घर से अपने दोनों पुत्रों को लेकर पहले अपने भाई राजू के घर हीरापुर पहुंची. वहां से सभी बरकार चले गये. डूबने की खबर ज्ञांती के बड़े पुत्र सूरज ने फोन पर अपने परिजन को दी. यहां से उसके पिता प्रदीप दास अन्य परिजन के साथ बराकर के लिए रवाना हो गये. घटना के बाद सूरज मामा राजू के दोनों बच्चों को लेकर हीरापुर पहुंचा. देर रात तक परिजन बराकर नदी के किनारे उनके निकाले जाने का इंतजार कर रहे थे.

सूरज ने बताया कि स्नान करने के दौरान मामा राजू कुमार दास व भाई राजू दोनों डूबने लगे. उसने बचाने का काफी प्रयास किया. दोनों को खींचकर कुछ दूर किनारे तक लाया. इसके बाद वह स्वयं असंतुलित होने लगा. उसने दोबारा बचाने का प्रयास किया, तब तक दोनों डूब चुके थे.

मछुआरों से बचाने की गुहार बेअसर : सूरज का कहना था कि जिस वक्त उसके मामा और भाई डूब रहे थे, बगल में कुछ मछुआरे मछली मार रहे थे. उसने उन लोगों से मदद की गुहार लगायी, लेकिन दोनों को बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया. कहा कि अगर मछुआरे मदद करते तो दोनों को समय रहते निकाला जा सकता था. सूरज ने ही स्थानीय पुलिस को फोन पर सूचना दी. राजू बिनोदनगर हरिपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय में पांचवीं कक्षा का छात्र है.

उसके पिता प्रदीप का बरमसिया पुल के पास कचरा गोदाम है. परिवार में ज्ञांती देवी, बड़ा पुत्र सूरज, मंझला दीपक व छोटा राजू हैं. वहीं हीरापुर निवासी राजू कुमार दास अपनी पत्नी मां और दो बच्चों के साथ रहता है. राजू प्राइवेट स्कूल में वैन चालक है. हीरापुर में ही उसके बड़े भाई अशोक दास व मंझले भाई किशोर दास रहते हैं.

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