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Friday, March 29, 2024

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विधायक ढुलू को डेढ़ वर्ष कैद की सजा दो साल की होती, तो नहीं लड़ पाते चुनाव

धनबाद : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने, पुलिस की वर्दी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में बुधवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने फैसला सुनाया. अदालत ने बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो समेत अन्य आरोपित रामेश्वर महतो, गंगा साव, चुनचुन गुप्ता और राजेश गुप्ता […]

धनबाद : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने, पुलिस की वर्दी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में बुधवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने फैसला सुनाया.

अदालत ने बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो समेत अन्य आरोपित रामेश्वर महतो, गंगा साव, चुनचुन गुप्ता और राजेश गुप्ता को भादवि की धारा 332, 224, 225 में डेढ़-डेढ़ वर्ष और 323, 353,149 में एक-एक वर्ष कैद व सभी धाराओं में कुल नौ हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी.
बसंत शर्मा को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को सेशन कोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. ढुलू महतो के राजनीतिक भविष्य को लेकर इस फैसले पर लोगों की नजर थी. नियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक सजा प्राप्त व्यक्ति चुनाव के लिए अयोग्य हो जाता है.
क्या है मामला : एमिंत कोल इंटरप्राइजेज के मुंशी गौरीशंकर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने ढुलू समर्थक राजेश गुप्ता सहित तीन-चार अन्य के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया था. प्राथमिकी के मुताबिक 20 अप्रैल 2013 को राजेश ने एक हजार रुपये प्रति टन रंगदारी की मांग की थी. रुपया नही देने पर राजेश ने उसके ट्रकों पर निर्धारित किस्म का कोयला न लोड कर पत्थर कोयला लोड करा दिया.
इस मामले में ही अदालत से गिरफ्तारी का वारंट लेकर कतरास व बरोरा पुलिस की संयुक्त टीम ने राजेश को निचितपुर स्थित उसके आवास से दबोचा था. खबर मिलते ही विधायक ढुलू महतो अपने समर्थकों के साथ वहां आ धमके और जबरन राजेश को पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया. इस दौरान पुलिस के साथ ढुलू व उनके समर्थकों ने मारपीट की थी, जवान की वर्दी फाड़ डाली थी.
भिड़ंत में एक पुलिस का जवान रामबचन घायल हो गया था. बरोरा थानेदार आरएन चौधरी की शिकायत पर पुलिस ने विधायक ढुलू महतो, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो, गंगा साव, बसंत शर्मा के खिलाफ कतरास थाना में कांड संख्या 120/13 दर्ज कराया था.
कम सजा पर हाइकोर्ट में चुनौती देंगे राजीव कुमार
धनबाद. झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा है कि बाघमारा विधायक ढुलू महतो को धारा 353 उल्लंघन के मामले में निचली अदालत से कम सजा मिली है. निचली अदालत के फैसले को वह उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे.
उन्हाेंने कहा कि पहले निचली अदालत के फैसले का अध्ययन करेंगे. फिर इसे हाइकोर्ट में चुनौती देंगे. जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे. उन्हाेंने कहा : इस मामले में अधिकतम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है. डेढ़ वर्ष की सजा देने का फैसला आश्चर्यजनक है.
फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे : ढुलू
धनबाद. बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने कहा है कि वारंटी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के मामले में निचली अदालत के फैसले को वह ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. फैसले के बाद विधायक ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर शुरू से भरोसा था. कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. दोषमुक्त होने के लिए ऊपरी अदालत में इसे चुनौती देंगे. न्याय का पूरा भरोसा है.
ललन ओझा ने की बहस
सजा के बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ललन ओझा व वरीय अधिवक्ता एसएन मुखर्जी (माती दा) ने बहस की. फैसला सुनाये जाने के वक्त अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद व एनके सबिता भी मौजूद थे. बसंत के अधिवक्ता कैलाश प्रसाद लाला ने कहा कि घटना के वक्त वह अपनी ड्यूटी पर थे. इसी कारण से कोर्ट उन्हें रिहा किया है.
ढुलू महतो काे चौथी बार सजा, दो में ऊपरी अदालत से हो चुके हैं दोषमुक्त
20 जनवरी 16 को न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर की अदालत ने शराब विक्रेता सहदेव महतो को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का प्रयास करने और सरकारी काम में बाधा पहुचाने के मामले में भादवि की धारा 353 में दोषी पाकर एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनायी थी. इसके खिलाफ अपील (नंबर 19/16) को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत ने 17 फरवरी 16 को डिसमिस कर दिया. अब यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय में लंबित है
25 फरवरी 16 को मो उमर की अदालत ने ढुलू महतो को दूसरी बार सजा सुनायी थी. महुदा पुलिस बिहारी यादव के शव को जब्त कर कानूनी प्रक्रिया कर रही थी, तभी विधायक अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने लगे.
अदालत ने भादवि की धारा 353,147 में एक वर्ष व 341 में एक माह की सजा सुनायी.
इस मामले में विधायक ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील नंबर 59/16 दायर की थी. कोर्ट ने 30 नवंबर 17 को निचली अदालत के निर्णय को निरस्त कर ढुलू को रिहा कर दिया.
3. अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने 12 जुलाई, 18 को वकील महतो की मौत डंपर के टक्कर से हो जाने को लेकर सड़क जाम कर अवागमन ठप करने के मामले में विधायक ढुलू महतो समेत आठ लोगों को भादवि की धारा 353 में एक वर्ष, 143 में छह माह, 341 में एक माह, 283 में केवल दो सौ रुपये जुर्माना की सजा सुनायी थी.
इस मामले में ढुलू महतो ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील याचिका नंबर 154/18 दायर की थी, जिसकी सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत में चल रही थी. अदालत ने एक सिंतबर 18 को आदेश पारित करते हुए निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए विधायक को दोषमुक्त कर दिया.
4. वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से भगाने में नौ अक्तूबर को डेढ़ साल कैद की सजा.
14 गवाहों का कराया मुख्य परीक्षण
इस मामले में अभियाेजन ने 14 गवाहाें ब्रह्मदेव यादव, कृष्णा यादव, करण मोदी, मीना कुमारी, उषा कुमारी, मनोज कुमार टुडू, रामबचन राम, मनोज कुमार गुप्ता, शैलेंद्र सिंह, रामनारायण चौधरी, आलोक सिंह, डॉ उमा शंकर, ठाकुर महतो उर्फ दिवाकर महतो, दिनेश कुमार राय का मुख्य परीक्षण कराय. 22 अगस्त 13 को केस के आइओ आलोक सिंह ने छह आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. अदालत ने 7 जून, 14 को आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन किया था.
बाद में भी पत्र लिख कर विरोध भी जताया था कि पुराने सदस्यों से पैसा लेना गलत है. 31 अगस्त की मीटिंग का मिनट्स एक अक्तूबर को समिति की हुई बैठक में अप्रूव नहीं हुआ. एक अक्तूबर की बैठक में सिर्फ बोनस पर चर्चा हुई. मीटिंग का मिनट्स अप्रूव हुए बगैर आदेश जारी करना गलत है.
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