धनबाद : इस्कान धनबाद द्वारा चनचनी कॉलोनी में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में नामप्रेम दास ने कहा- अक्षय तृतीया वह तिथि है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, जिसका फल कभी क्षय नहीं होता है. इसी दिन भगवान के छठे अवतार परशुराम जी का अविर्भाव हुआ था.
भगवान को पाने का अवसर है अक्षय तृतीया : नामप्रेम दास
धनबाद : इस्कान धनबाद द्वारा चनचनी कॉलोनी में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में नामप्रेम दास ने कहा- अक्षय तृतीया वह तिथि है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, जिसका फल कभी क्षय नहीं होता है. इसी दिन भगवान के छठे अवतार परशुराम जी का अविर्भाव हुआ था. इसे परशुराम जयंती के […]
इसे परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है. गंगा का पृथ्वी पर अवतरण भी इसी दिन हुआ था. इसी दिन महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना प्रारंभ की थी. ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना इसी दिन आरंभ की थी.
वृंदावन में बिराजे बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं. पुरी में जगन्नाथ जी का रथ इसी दिन से बनना प्रारंभ होता है, जिसमें बिराज कर जगन्नाथ प्रभु अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा के दिन नगर भ्रमण को निकलते हैं.
भौतिक जीवन में अर्जित धन का शनै शनै क्षय होता है, लेकिन अक्षय तृतीया के दिन अर्जित किया गया भक्तिमय धन का कभी क्षय नहीं होता. इसलिए हमें यह प्रयास करना चाहिए कि हम भगवान कृष्ण के सान्निध्य में रहकर भजन कीर्तन करें. कार्यक्रम के अंत में हरिनाम के जैकारे पर भक्तगण झूम उठे.