एसएसपी से निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने की गुहार
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भूली कांड : पुलिस की प्राथमिकी पर उठ रहे सवाल
एसएसपी से निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने की गुहार धनबाद : पुलवामा के शहीदों को लेकर फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का मामला शांत हो चुका है. इस कांड का आरोपी शाहनवाज अली उर्फ बड़कू मुंबई में गिरफ्तार होने के बाद फिलवक्त धनबाद जेल में है. दूसरी ओर फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट […]
धनबाद : पुलवामा के शहीदों को लेकर फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का मामला शांत हो चुका है. इस कांड का आरोपी शाहनवाज अली उर्फ बड़कू मुंबई में गिरफ्तार होने के बाद फिलवक्त धनबाद जेल में है. दूसरी ओर फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट सामने आने के बाद 18 फरवरी की रात स्थानीय पुलिस पोस्ट (ओपी) समेत भूली क्षेत्र में हुए हंगामा के मामले में पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में तीन लोग झारूडीह निवासी देवेंद्र सिंह, ए ब्लॉक के कृष्णा झा और विष्णु कुमार नामजद हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कृष्णा झा और विष्णु कुमार उनलोगों में शामिल रहे, जिन्होंने मामले को शांत कराने में उल्लेखनीय भूमिका निभायी. बावजूद इसके दोनों को गंभीर धाराओं में आरोपी बना दिया गया है. इस मामले में स्थानीय लोगों ने धनबाद के एसएसपी से निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने की गुहार लगायी है.
क्या है आरोप : पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘कृष्णा झा और विष्णु कुमार के नेतृत्व में 50-60 युवक थाना आये. ए ब्लॉक के सामने मुख्य सड़क पर टायर जलाकर रोड को अवरूद्ध कर दिया गया. रोड अवरूद्ध होने से आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. भय का माहौल कायम हो गया.’ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह सही है कि आपत्तिजनक पोस्ट सामने आने के बाद कृष्णा झा और विष्णु कुमार 50-60 समर्थकों के साथ पहुंचे थे, लेकिन यह भी सही है कि दोनों लोगों ने इस घटना को लेकर आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने व शांति व्यवस्था बनाने रखने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभायी. कुछ आक्रोशित युवकों ने मुख्य सड़क पर टायर जलाकर रोड को अवरूद्ध किया, मगर कृष्णा झा और विष्णु कुमार इसमें दूर-दूर तक शामिल नहीं हैं. कृष्णा झा मून लाइट स्कूल के संचालक और विष्णु कुमार भाजपा भूली मंडल के युवा महामंत्री हैं. दोनों के खिलाफ पूर्व में स्थानीय थाना में किसी तरह की शिकायत नहीं रही है. पूरे घटनाक्रम के दौरान दोनों भूली थाना में ही थे. भूली ओपी के सीसीटीवी फुटेज में भी यह देखा जा सकता है.
धक्का-मुक्की व पुलिस पर हमला नहीं : पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘अज्ञात लोगों ने गाली-ग्लौज, धक्का-मुक्की व पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. थाना परिसर में पत्थरबाजी भी की गयी.’ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस का यह आरोप भी निराधार है. गाली-ग्लौज, धक्का-मुक्की, पुलिसकर्मियों पर हमला व पत्थरबाजी की घटना नहीं हुई. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इसका प्रमाण भी भूली ओपी का सीसीटीवी फुटेज है. फुटेज में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मियों पर हमला व थाना परिसर में पत्थरबाजी की घटना हुई या नहीं? प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में इस तरह से गलत तथ्य डालने के कारण पुलिस कटघरे में है.
ऐसे बिगड़ा माहौल : प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सारी स्थिति सामान्य थी. फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत को पुलिस ने गंभीरता से लिया. धनबाद पुलिस ने तुरंत मुंबई पुलिस से संपर्क किया गया और तीन-चार घंटों में शाहनवाज अली उर्फ बड़कू मुंबई में गिरफ्तार भी हो गया. इसी बीच झारूडीह निवासी देवेंद्र सिंह पहुंचे, जो सुरेश सिंह हत्याकांड में सरकारी गवाह भी हैं. देवेंद्र सिंह ने शाहनवाज की गिरफ्तारी की बात लिखित रूप में देने अथवा उसकी गिरफ्तारी का वीडियो फुटेज दिखाने की मांग की. इसके बाद बात बिगड़ी. विधायक राज सिन्हा भी उस समय भूली ओपी में मौजूद थे. कुछ लोगों ने राज सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी की. इसको लेकर राज सिन्हा समर्थकों के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई. इस तरह माहौल बिगड़ा.
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