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ब्लेजर घोटाला में फंसे पूर्व सहायक रजिस्ट्रार
धनबाद : आइआइटी आइएसएम धनबाद के ब्लेजर घोटाला में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने संस्थान के पूर्व सहायक रजिस्ट्रार सहित तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. क्या है पूरा मामला सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी संख्या आरसी 12 (ए) 2018-डी में आइआइटी आइएसएम के तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार (परचेज एवं स्टोर) अशोक कुमार गुप्ता, मेसर्स ललिता […]
धनबाद : आइआइटी आइएसएम धनबाद के ब्लेजर घोटाला में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने संस्थान के पूर्व सहायक रजिस्ट्रार सहित तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
क्या है पूरा मामला
सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी संख्या आरसी 12 (ए) 2018-डी में आइआइटी आइएसएम के तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार (परचेज एवं स्टोर) अशोक कुमार गुप्ता, मेसर्स ललिता होजियरी लाइफ स्टाइल प्राइवेट लिमिटेड धनबाद के निदेशक रवींद्र कुमार सिंह, मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज रांची के मालिक अमित कुमार जैन तथा अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है. इन सभी पर ब्लेजर क्रय व आपूर्ति के नाम पर 22 लाख 37 हजार 46 रुपये के गबन का आरोप है.
आइआइटी आइएसएम द्वारा 31 मार्च 2015 को 2275 ब्लेजर क्रय के लिए निविदा निकाली गयी थी. इसमें शर्त यह थी कि ब्लेजर का कपड़ा रेड एंड टेलर इंडिया लिमिटेड का होना चाहिए. साथ ही कपड़ा में 35 प्रतिशत अंश ऊनी तथा 65 प्रतिशत अंश पॉलिस्टर होना चाहिए. यह टेंडर तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार अशोक कुमार गुप्ता द्वारा ही निकाला गया था.
ललित होजियरी ने लिया था टेंडर
प्राथमिकी के अनुसार मेसर्स ललिता होजियरी ने 1049 रुपये प्रति ब्लेजर की दर से टेंडर हासिल किया. आइएसएम प्रबंधन द्वारा 13 जुलाई 2015 को इस कंपनी को 25 लाख पांच हजार 798 रुपये का वर्क ऑर्डर दिया गया. टेंडर में यह भी शर्त थाी कि सिलाई के पहले आइएसएम प्रबंधन को ब्लेजर का कपड़ा दिखाना होगा. मे. ललिता होजियरी ने रांची के मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज से बिना रेड एंड टेलर का कपड़ा लिये हुए फर्जी बिल ले लिया.
साथ ही मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज द्वारा आइएसएम प्रबंधन को इ-मेल से भी बताया कि मे. रेड एंड टेलर का उनकी कंपनी ने अधिकृत फ्रेंइचाइजी लिया है. इसके आधार पर आइएसएम प्रबंधन ने मे.
ललिता होजियरी को ब्लेजर आपूर्ति के मद में 22 लाख 37 हजार 46 रुपये का भुगतान कर दिया गया. मे. ललिता होजियरी ने मे. अमित इंटरप्राइजेज को 12 लाख 97 हजार 840 रुपये का भुगतान कपड़ा के एवज में करने का भी विपत्र पेश किया गया.
सीबीआइ जांच में हुआ खुलासा
ब्लेजर की आपूर्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर सीबीआइ ने इसकी जांच शुरू की. जांच में पता चला कि मे. अमित इंटरप्राइजेज ने मे. ललिता होजियरी को रीड एंड टेलर के कपड़े की कोई आपूर्ति ही नहीं की थी. जो बिल आइएसएम प्रबंधन को दिया गया उन विपत्रों के जरिये मे. नवदीप वस्त्रालय डालटेनगंज, मे. बिनोद वस्त्रालय लोहरदगा, मे. सुरुचि रांची, मे.
माहेश्वरी क्लोथ स्टोर गुमला को कपड़े की आपूर्ति की गयी थी. मे. अमित इंटरप्राइजेज पर फर्जी विपत्र व सर्टिफिकेट देने का मामला जांच के दौरान सामने आया. इसी जांच के आधार पर सीबीआइ धनबाद ने 26 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की.
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