धनबाद : बैंकों में लटके रहे ताले, 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित
धनबाद : ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआइबीओसी) की देशव्यापी हड़ताल शुक्रवार को जिले में असरदार रही. जिले की सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की 280 शाखाएं पूरी तरह बंद रहीं. बंदी से लगभग 500 करोड़ का बैंकिंग कारोबार प्रभावित रहा. बैंक यूनियन के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही. यूनियन के […]
धनबाद : ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआइबीओसी) की देशव्यापी हड़ताल शुक्रवार को जिले में असरदार रही. जिले की सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की 280 शाखाएं पूरी तरह बंद रहीं. बंदी से लगभग 500 करोड़ का बैंकिंग कारोबार प्रभावित रहा. बैंक यूनियन के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही.
यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्य अपने-अपने ब्रांच में प्रदर्शन करने के बाद एसबीआइ धनबाद शाखा बैंक मोड़ पहुंचे. सामूहिक रूप से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वक्ताओं ने कहा कि नवंबर 2017 से वेतन वृद्धि लंबित है.
पेंशन व पारिवारिक पेंशन का रिविजन नहीं किया गया. सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगे जोरदार आंदोलन किया जायेगा. सभा को आलोक रंजन सिन्हा, अमित कुमार, आरके श्रीवास्तव, राजेंद्र कुमार आदि ने संबोधित किया. हड़ताल को सफल बनाने में साधन कुमार चटर्जी, एसके लाल, जासेफ ढांंगा, शैलेंद्र कुमार आदि सक्रिय रहे.
26 दिसंबर तक मात्र एक दिन खुलेगा बैंक : 26 दिसंबर तक मात्र एक दिन सोमवार को बैंक खुलेगा. 21 दिसंबर को बैंक हड़ताल थी. 22 को चौथा शनिवार है, लिहाजा बैंक बंद रहेगा. 23 को रविवार की छुट्टी है. 24 दिसंबर (सोमवार) को बैंक खुला रहेगा. इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी व 26 दिसंबर को यूनाइटेड फोरम की हड़ताल है. 27 दिसंबर से बैंक नियमित समय पर खुलेगा.
बैंक यूनियन की प्रमुख मांगें
नवंबर 2017 से लंबित वेतन वृद्धि लागू हो, पारिवारिक पेंशन का रीविजन हो.
बैंकिंग सेक्टर के सारे अधिकारियों का एक साथ वेतन समझौता हो.
वेतन वृद्धि संगठन द्वारा दिये गये चार्टर ऑफ डिमांड के अनुरूप हो.
बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत अधिकारियों के काम और जीवन में संतुलन हो और अनावश्यक दबाव न दिया जाये.
कोर बिजनेस पर फोकस किया जाये और एनपीए रिकवरी पर कड़ा कानून बनाया जाये