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कागजों में दो लाख टन कोयला साइडिंग में 15 हजार टन भी नहीं

बीसीसीएल. कोयला के अभाव में रेलवे को देना पड़ रहा है करोड़ों का डेमरेज चार्ज बीसीसीएल की रेलवे साइडिंग में कोयला के अभाव में रैक लोडिंग का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. कारण कंपनी को प्रतिमाह लाखों-करोड़ों का डेमरेज रेलवे को देना पड़ रहा है. धनबाद : देश की कोयला जरूरतों को […]

बीसीसीएल. कोयला के अभाव में रेलवे को देना पड़ रहा है करोड़ों का डेमरेज चार्ज

बीसीसीएल की रेलवे साइडिंग में कोयला के अभाव में रैक लोडिंग का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. कारण कंपनी को प्रतिमाह लाखों-करोड़ों का डेमरेज रेलवे को देना पड़ रहा है.
धनबाद : देश की कोयला जरूरतों को पूरी करने वाली कोल इंडिया की सहायक कंपनी बीसीसीएल के कागजात (बुक स्टॉक) में 2.5 मिलियन टन कोयला विभिन्न रेलवे साइडिंग में उपलब्ध होने का जिक्र है, किंतु कंपनी की कई साइडिंग में यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. कारण कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां हम बात कर रहे हैं बीसीसीएल की बरोरा के केके लिंक व ब्लॉक-टू एरिया की केशरगढ़ व केके-सी मेन रेलवे साइडिंग की, जहां कंपनी के कागज (बुक स्टॉक) के मुताबिक तीनों रेलवे साइडिंग में करीब एक लाख 86 हजार, 605 टन कोयला स्टॉक में है, जबकि वास्तविक (फिजिकल स्टॉक) में 15 हजार टन भी कोयला उपलब्ध नहीं है.
कोयला के अभाव में साइडिंग में एक रैक लोडिंग करने में दो-दो दिन का समय लग रहा है. इस कारण बीसीसीएल को प्रतिमाह करोड़ों का डेमरेज रेलवे को देना पड़ रहा है.
क्या है मामला : बरोरा व ब्लॉक-टू एरिया के महाप्रबंधक ने अपनी वाहवाही लूटने के चक्कर में ओवर-रिपोर्टिंग कर कोयले का उत्पादन तो दिखा दिया है, लेकिन एरिया में अवस्थित रेलवे साइडिंग में पर्याप्त कोयला का स्टॉक ही नहीं है. इस कारण रैक लोडिंग टाइम में काफी समय लग रहा है और कंपनी को रेलवे को डेमरेज देने पड़ रहे हैं. बुक स्टॉक के मुताबिक बरोरा एरिया की केके लिंक रेलवे साइडिंग में करीब 46711 टन कोयले का स्टॉक है, जबकि ब्लॉक-टू एरिया के केशरगढ़ साइडिंग में 87421 टन व केके-सी मेन रेलवे साइडिंग में करीब 52473 टन कोयला का स्टॉक है, लेकिन वास्तविकता में तीनों रेलवे साइडिंग में 15 हजार टन भी कोयला स्टॉक में नहीं है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कमोबेश बीसीसीएल के सभी एरिया का यही हाल है.
ब्लॉक-टू व बरोरा एरिया के केसरगढ़, केकेसी मेन व केके सी लिंक रेलवे साइडिंग में कोयले का टोटा
सीएचपी की बजाय डोजर से हो रही कोयला क्रशिंग
05 घंटे प्रतिदिन लग रहा डेमरेज चार्ज
2.55 एमटी कोयला है बीसीसीएल की सभी रेलवे साइडिंग में
02 दिन पर साइडिंग से निकल रहा एक रैक कोयला
कोयला का भंडार है खाली
ब्लॉक-टू एरिया की केशरगढ़ व केकेसी मेन रेलवे साइडिंग में बुक स्टॉक के मुताबिक कोयला नहीं होने के कारण एक रैक लोडिंग करने में दो-दो दिन का वक्त लग रहा है, जबकि एक रैक का लोडिंग टाइम 4-5 घंटे ही निर्धारित है, समयानुसार रैक लोडिंग नहीं होने के कारण प्रतिदिन पांच-पांच घंटे तक का डेमरेज देना पड़ रहा है. वहीं बरोरा एरिया केके-सी लिंक साइडिंग की बात करे तो यहां भी स्टॉक में कोयला नहीं है, लेकिन डीसी रेलवे लाइन बंद होने से गोविंदपुर एरिया से कोयले की आपूर्ति केके-सी लिंक साइडिंग को हो रही ही है.
चिंता का विषय बना हुआ है कोयला डिस्पैच
बुक स्टॉक के मुताबिक बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरी क्षेत्रों में कोयला का पर्याप्त स्टॉक है. देश के बाजार में कोयला की मांग भी है. फिर कोयला की आपूर्ति (डिस्पैच) लक्ष्य के मुताबिक क्यों नहीं हो रहा? यह सवाल कंपनी उच्च प्रबंधन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया व बीसीसीएल सीएमडी अजय कुमार सिंह भी कोयला डिस्पैच लेकर गंभीर हैं, इसमें तेजी लाने को लेकर बार-बार एरिया प्रबंधकों को निर्देश भी दिये जा रहे हैं, बावजूद इसका असर एरिया प्रबंधन पर नहीं दिख रहा.

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