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खनन विभाग ने रैक रुकवायी, मुनीडीह कोल वाशरी का डिस्पैच और प्रोडक्शन बंद

धनबाद : बीसीसीएल की मुनीडीह कोल वाशरी से वाश्ड कोल का डिस्पैच पिछले 25 दिनों से ठप है. इस कारण वाशरी के तीनों बंकर (साइलों) भर गये हैं. जगह के अभाव में वाशरी प्रबंधन ने वाश्ड कोल का उत्पादन बंद कर दिया है. डिस्पैच-प्रोडक्शन बंद होने से अब तक बीसीसीएल को करीब 56.25 करोड़ रुपये […]

धनबाद : बीसीसीएल की मुनीडीह कोल वाशरी से वाश्ड कोल का डिस्पैच पिछले 25 दिनों से ठप है. इस कारण वाशरी के तीनों बंकर (साइलों) भर गये हैं. जगह के अभाव में वाशरी प्रबंधन ने वाश्ड कोल का उत्पादन बंद कर दिया है. डिस्पैच-प्रोडक्शन बंद होने से अब तक बीसीसीएल को करीब 56.25 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. वहीं उत्पादन से जुड़े कर्मचारी हाजिरी बना कर इधर-उधर समय व्यतीत कर रहे हैं.
खनन विभाग के पत्र पर रेलवे नहीं दे रही रैक : मुनीडीह वाशरी पर राज्य सरकार का करीब 92 करोड़ रुपये रॉयल्टी बकाया होने का दावा किया जा रहा है. खनन विभाग रॉ-कोल के साथ-साथ वाश्ड कोल पर भी रॉयल्टी की मांग कर रहा है. विभाग का कहना है कि बिना माइनिंग चालान के वाश्ड कोल डिस्पैच नहीं किया जा सकता है. चालान कटाने पर वाशरी प्रबंधन को राज्य सरकार को रॉयल्टी देनी होगी. बीसीसीएल प्रबंधन मामले को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर किया हुआ है. बीसीसीएल का तर्क है कि कंपनी जब रॉ-कोल पर रॉयल्टी का भुगतान कर रही है, तो वाश्ड कोल पर रॉयल्टी का भुगतान करने का कोई औचित्य नहीं. इधर खनन विभाग ने रेलवे प्रबंधन को पत्र लिख वाशरी को रैक उपलब्ध नहीं कराने को आग्रह किया था. इसके बाद रेलवे प्रबंधन ने 18 नवंबर से ही मुनीडीह वाशरी को रैक की आपूर्ति बंद कर दी है.
वाशरी के तीनों बंकर फुल होने से उत्पादन ठप : बताते है कि मुनुडीह वाशरी में तीन बंकर (साइलो) हैं, जिनकी क्षमता तीन-तीन हजार टन कोयला रखने की है. दो साइलो में वाश कोल, जबकि एक में मिडलिंग रखा जाता है. वाश्ड कोल का डिस्पैच ठप होने से मुनीडीह वाशरी के तीनों बंकर पूरी तरह से भर गये हैं. जगह के अभाव में वाशरी प्रबंधन ने वाश्ड कोल का उत्पादन ठप कर दिया है.
स्टील प्लांटों की स्थिति बिगड़ी
मुनीडीह वाशरी को रैक उपलब्ध नहीं होने के कारण वाश्ड कोल का डिस्पैच पूरी तरह से ठप है. इस कारण सेल के स्टील प्लांटों में कोयले की आपूर्ति पिछले 25 दिनों से ठप है. इस कारण वाशरी से बोकारो, दुर्गापुर, भिलाई व राउरकेला आदि स्टील प्लांटों को वाश्ड कोल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे स्टील प्लांटों की स्थिति बेहद खराब बतायी जा रही है.
अब तक 56.25 करोड़ रुपये का नुकसान
मुनीडीह वाशरी से प्रतिदिन सेल के विभिन्न स्टील प्लांटों को औसतन तीन हजार वाश्ड कोल डिस्पैच होता है. यानी माह में करीब 90 हजार टन वाश्ड कोल की आपूर्ति वाशरी से स्टील प्लांटों को की जाती है. सेल प्रबंधन 7500 रुपये प्रति टन के हिसाब से बीसीसीएल को वाश्ड कोल के एवज में भुगतान करता है. यानी 25 दिन में 7500 टन वाश्ड कोल डिस्पैच नहीं हो सका. इससे बीसीसीएल को 56.25 करोड़ का नुकसान होता दिख रहा है.
डिस्पैच के लिए माइनिंग चालान जरूरी : डीएमओ
जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साहा ने बताया कि मुनीडीह वाशरी पर करीब 92 करोड़ रुपये का रॉयल्टी बकाया है, जिस कारण डिस्पैच पर रोक लगायी गयी है. वाश्ड कोल के डिस्पैच के लिए माइनिंग चालान जरूरी है, जबकि वाशरी प्रबंधन बिना चालान के ही डिस्पैच करना चाहता है, क्योंकि चालान कटाने से राज्य सरकार को रॉयल्टी देनी होगी. इससे बचने के लिए बीसीसीएल प्रबंधन ने हाइकोर्ट में याचिका भी दायर किया हुआ है.
काम चालू करने की दिशा में प्रबंधन कर रहा प्रयास
बीसीसीएल रॉ-कोल पर रॉयल्टी दे रहा है. खनन विभाग वाश्ड कोल पर भी रॉयल्टी की मांग कर रहा है. इस कारण मुनीडीह में वाश्ड कोल का उत्पादन व डिस्पैच ठप है. इसे चालू करने की दिशा में प्रबंधन काम कर रहा है.
देवल गंगोपाध्याय, निदेशक, तकनीकी (योजना व परियोजना), बीसीसीएल

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