बताया कि विश्व में 70% डिजाइन भारतीय बनाते हैं, लेकिन डिजाइन पर मालिकाना हक विदेशियों का होता है. एक आइआइटीएन पर देश का 40 लाख रुपया खर्च होता है और पढ़ाई के बाद छात्र विदेश बाहर चले जाते हैं. इस मानसिकता को बदलना होगा. कहा कि सरकार नाॅलेज व स्कील को प्राथमिकता दे.
इसका प्रयास वाहिनी लगातार कर रही है. मौके सेमिनार का संयोजक डॉ पीके सिंह, कौशल किशोर राय, अजय सिंह, रंजीत कुमार, सुफल झा आदि मौजूद थे. एसीसी की दिशा सेंटर मे प्रक्षिक्षण ले रही छात्र आशा टुडू और शकुंतला ने ताड़ पत्ता से निर्मित स्वदेशी गुलदस्ता सौंपा.