गिरजेश पासवान
पर सब स्टेशन नहीं हो सके ऑनलाइन
धनबाद : केंद्र सरकार की रिस्ट्रक्चर्ड एक्सीलरेटेड पाॅवर डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) पार्ट-ए के गो लाइव प्रोजेक्ट के तहत विद्युत सब स्टेशन को ऑन लाइन करने का काम अस्तित्व में नहीं आ सका है. हालांकि 80 लाख रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी को अभी भी मेंटेनेंस का पैसा दिया जा रहा है.
इस योजना का काम 2014 में शुरू हुआ था और इसे एक साल में पूरा कर लेना था.
35 की जगह लगे मात्र 18 टावर : इस प्रोजेक्ट में चिरकुंडा से धनबाद के सभी सब स्टेशन और धनबाद एरिया बोर्ड के चास में स्थित सब स्टेशन को ऑनलाइन करना था. एयरटेल कंपनी को टावर लगाने का काम दिया गया था. जबकि एचसीएल कंपनी को कंप्यूटर, मदरबोर्ड, नेटवर्क आदि का काम करना था. बिजली विभाग जमीन नहीं होने के कारण 35 टावर की जगह सब स्टेशनों में मात्र 18 टावर ही लगा पाया. वहीं सभी जगह कंप्यूटर तो लगा दिये गये मगर उसे चालू नहीं किया जा सका. इस कारण यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका.
शुरू होने से क्या होता फायदा : गो लाइव प्रोजेक्ट शुरू होने से बिजली विभाग को कई फायदे होते. सभी सब स्टेशनों के ऑनलाइन होने से खराबी का तुरंत पता चल पाता. सब स्टेशन में कितनी बिजली एकत्रित की गयी है, कितनी बिजली सब स्टेशन से निकल रही, कितनी उनके पास है और कितने का नुकसान हो रहा है इसकी पूरी जानकारी विभाग के कंप्यूटर में मौजूद रहती.
मदरबोर्ड की हो चुकी है चोरी : हीरापुर सब स्टेशन से मदरबोर्ड की चोरी हो चुकी है. हालांकि इस पर कोई भी अधिकारी बात करने से कतराते हैं. इसके साथ ही सब स्टेशन में लगे टावर भी सड़ने लगे हैं.
अभी भी मेंटेनेंस के नाम पर दिया जा रहा है पैसा : बिजली विभाग अभी भी दोनों कंपनियों को मेंटेनेंस के नाम पर पैसा दे रहा है. हालांकि इससे बिजली विभाग को कोई फायदा नहीं हो रहा है.
इस प्रोजेक्ट में कुछ परेशानियां थीं. मगर अभी धीरे-धीरे सभी जगह काम चालू है. जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाने की उम्मीद है.
सुभाष सिंह, महाप्रबंधक, बिजली विभाग