28.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

हाेपना मांझी के परिजन बोले, वाेट छाेड़ेंगे क्याें?

सुबोध चौरसिया, राजगंज : जीटी रोड पर राजगंज बाजार से आठ किलोमीटर दूर पहाड़ियों की तलहटी पर बसा है नक्सली होपना मांझी का गांव सालखनडीह (गंगापुर). नक्सली हाेपना की माैत जेल में हाे गयी थी. यह गांव दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. कभी वोट बहिष्कार का नारा बुलंद करनेवाले होपना के गांव […]

सुबोध चौरसिया, राजगंज : जीटी रोड पर राजगंज बाजार से आठ किलोमीटर दूर पहाड़ियों की तलहटी पर बसा है नक्सली होपना मांझी का गांव सालखनडीह (गंगापुर). नक्सली हाेपना की माैत जेल में हाे गयी थी. यह गांव दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है.

कभी वोट बहिष्कार का नारा बुलंद करनेवाले होपना के गांव व परिवार के लोग लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने को आतुर हैं. होपना के परिवार के लोग कहते हैं… हम लाेग वोट बहिष्कार के नारे पर विश्वास नहीं करते हैं. होपना का भाई जीवन टुडू कहता है : लोकतंत्र में वोट देना सबसे बड़ा अधिकार है.
इसे छोड़ेंगे क्यों? होपना के परिवार का कहना है कि हमलोग अपना नेता चुनने को आतुर हैं, ताकि कल हम अपने दुख दर्द उनसे बांट पायें, उन्हें सुना पाएं. नक्सली रहे होपना के परिवार के सदस्य कलावती देवी, महादेव टुडू, महावीर टुडू , धनंजय टुडू, विजय टुडू, बड़की देवी, जोगोनी देवी, संगीता देवी, कौशल्या देवी की सुनें, तो वे विकास चाहते हैं.
पांच किलाेमीटर दूर है बूथ : अपने वोट से गांव व राज्य की तकदीर गढ़ने का सपना देखनेवाले सालखनडीह, गंगापुर, चिरूबेड़ा, राजा बांसपहाड़ गांव के 647 वोटरों का सबसे बड़ा दर्द है कि वे चाह कर भी लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने से वंचित रह जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह पोलिंग बूथ का गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर चुंगी गांव में हाेना है.
जीवन टुडू कहता है कि होपना मांझी भी जेल से छूटने के बाद टुंडी से चुनाव लड़ना चाहता था. उसकी सजा भी खत्म हो चुकी थी. पर जेल में ही वह बीमार पड़ा और जेल प्रबंधन की लापरवाही व इलाज के अभाव में उसकी माैत हाे गयी.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें