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Friday, March 29, 2024

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आसमान से बरस रही आग, लोगों के सूख रहे हलक

देवघर : जैसे-जैसे पारा चढ़ता जा रहा है, चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी में जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. सुबह आठ बजे के बाद ही तपती धूप के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जा रहा है. बच्चे से लेकर बड़ों तक का गरमी में बुरा हाल हुआ जा रहा है. मौसम […]

देवघर : जैसे-जैसे पारा चढ़ता जा रहा है, चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी में जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. सुबह आठ बजे के बाद ही तपती धूप के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जा रहा है. बच्चे से लेकर बड़ों तक का गरमी में बुरा हाल हुआ जा रहा है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अभी तापमान और भी चढ़ेगा. लोगों को गर्मी से जूझना पड़ेगा.

दिन भर गरमी के बाद स्कूल से छुट्टी के बाद पसीने से तर-बतर बच्चों के थके हारे चेहरे देखने लायक होते हैं. दिहाड़ी मजदूरों का तो और भी बुरा हाल है. खासकर, भवन या अन्य निर्माण कार्य व योजनाओं में लगे मजदूरों का तो पूरा जिस्म कड़ी धूप में झुलस रहा है. लेकिन, पेट की मजबूरी में वे भी लाचार बने हुए हैं.
गरमी का असर बाजार पर भी पड़ रहा है. दिन के 11 बजे के बाद बाजार में चहल पहल भी काफी कम हो गयी है. हालांकि, गर्मी में शहर में जगह-जगह लगी जूस की दुकान से लोग गला तर कर रहे हैं, जिससे राहगीरों को थोड़ी बहुत राहत मिल जा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट बरकरार
बढ़ती गरमी के बीच जिले भर में बिजली की समस्या गंभीर बनी हुई है. नियमित बिजली नहीं रहने के कारण पंखा, कूलर, एसी भी राहत नहीं दे पा रहा है. जिनके घर में इन्वर्टर है उसकी भी बैटरी गर्मी में जवाब दे जा रही है. कई जगह तो लोग डीजल खर्च कर जेनरेटर के सहारे गरमी से निजात पाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों का हाल इतना बुरा है कि गरमी से राहत के लिए लोग घर के अंदर सोने की बजाय खुले आसमान के नीचे रात गुजारना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
सारठ अवर प्रमंडल अंतर्गत सारवां व आसपास के ग्रामीण इलाकों में पांच से छह घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती है. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के जेई से तो मुलाकात ही नहीं हो पाती. दो दिन पूर्व रात के समय सारवां क्षेत्र में ही 11 हजार वोल्ट का तार टूट कर गिरने व उसकी चपेट में आने से गाय मर गयी. ग्रामीण विभागीय जेई को सूचना देना चाह रहे थे. मगर उन्हें फोन ही नहीं लगता.
लोगों को सुबह तक का इंतजार करना पड़ा. दूसरी अोर पालोजोरी व चितरा थाना क्षेत्र के कुछेक इलाकों में भी बिजली इसी तरीके से प्रभावित होती रही है. उन इलाकों में तीखी गरमी के बावजूद दिन तो कट जाता है, मगर रात में चैन की नींद न हो पाने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मजबूरन प्रखंड क्षेत्र के लोगों को रतजगा करने को मजबूर होना पड़ता है.
आलम यह है कि विभाग को सूचना दिये जाने के बाद भी आपूर्ति की समस्या में सुधार होता नहीं दिख रहा है. अप्रैल महीने में ही लोगों की यह परेशानी है, तो मई अौर जून के महीने में भीषण गरमी के बीच लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ सकती है.
मौसमी फलों की बिक्री बढ़ी
पारा बढ़ते ही शहर के विभिन्न चौराहों पर मौसमी फलों व शीतल पेय पदार्थों की बिक्री तेजी से बढ़ गयी है. सामान्य तौर पर ईख का रस, आम का रस, सत्तू, तरबूज,नींबू पानी, विभिन्न ब्रांड के कोल्ड ड्रिंक्स आदि के दुकानों में बच्चे, महिलाएं व युवतियां सहज ही दिखाई पड़ जाती है.
भीषण गर्मी में सत्तू व खीरा से गला तर कर रहे मुवक्किल
देवघर. भीषण गर्मी में कोर्ट कैंपस आने वाले लोग सत्तू का शर्बत व खीरा से अपना गला तर कर रहे हैं. वकील हों या मुवक्किलों सभी की भीड़ सत्तू व खीरा बेचने वाले ठेलों पर लग रही है. अपनी प्यास बुझाने के लिए सत्तू की लस्सी विशेष तौर पर पीते हैं. कोर्ट कैंपस में सुबह सात बजते ही लोगाें का अाना-जाना होने लगता है. जिले के विभिन्न जगहों से विभिन्न मुकदमों में पैरवी के लिए लोग आते हैं.
इसके अलावा कई काम-काज से भी कचहरी आते हैं. पिछले तीन दिनों से सूर्य की तपती किरणों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. अपनी प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद शीतल जल व कोल्ड ड्रींक्स का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन सबसे अधिक भीड़ सत्तू के ठेलों के पास लगती है.
सत्तू को लस्सी की तरह पेय के तौर पर लोग ज्यादा पसंद करते हैं. कोर्ट कैंपस में तकरीबन आधा दर्जन सत्तू के ठेले हैं, जहां पर लोगों को कम पैसे में सेहत के लिए पेय व पानी दोनों उपलब्ध हो जाते हैं.
हर ठेले के पास भीड़ लगी रहती है जो सत्तू के शर्बत में नींबू का रस, हरी मिर्च, पीसा हुआ जीरा, प्याज की कतरन डालकर स्वादिष्ट बनाते हैं. वहीं तपती दोपहरिया में खीरा बेचने वालों के पास भी भीड़ लग जाती है. हरेक ठेलेवाले एक क्विंटल से अधिक खीरा बेच डालते हैं.
गर्मी के दिनों में चाय की गुमटियों पर लोग कम जाते हैं व विभिन्न प्रकार के अनाज को भुनकर बचनेवाले ठेले को तो ग्राहक इंतजार रहता है. हालांकि कचहरी परिसर में पेयजल के लिए नगर निगम की ओर से या फिर सरकारी सप्लाय वाटर की सुविधा अब तक लोगों को उपलब्ध नहीं हो पायी है जिसके चलते पानी खरीद कर पीने की विवशता है.
शहरी क्षेत्र का भी बुरा हाल
निगम क्षेत्र के कई एक इलाकों में रहने वाले लोगों के टंकी में पीने व नहाने के लिए पानी नहीं चढ़ पाता. करनीबाग, कुंडा, बंपास टाउन, रामपुर, बैजनाथपुर व कॉलेज फीडर इलाके के लोग समय पर अपनी नाराजगी व्यक्त किये हैं. विभाग की अोर से कोई कंप्लेन नंबर जारी नहीं करने की वजह से लोग समस्या नहीं बता पाते. समुचित बिजली न मिल पाने से छात्रों की पढ़ाई व महिलाअों के मनोरंजन पर असर पड़ रहा है.
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