देवघर : देवघर के सदर अस्पताल समेत सरकारी व निजी अस्पतालों में न केवल जिले के बल्कि आसपास के सीमावर्ती राज्यों के जिले से भी सैकड़ों मरीज इलाज कराने आते हैं. मरीजों की तादाद व जरूरत के हिसाब से पुराना सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड नहीं रहने के कारण मरीजों को सामाजिक संगठन व डोनर कार्ड के भरोसे रहना पड़ रहा है.
अधिकांश समय परिजन मरीज की जान बचाने के लिए ब्लड के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं. इसी का फायदा देवघर के कुछ असामाजिक तत्व उठा रहे हैं. जरूरतमंदों से रक्तदान कर ब्लड मुहैया कराने के एवज में पैसे वसूली का गंदा खेल चल रहा है. मरीज की जान बचाने के लिए ब्लड की खातिर भटकते गरीब-असहायों व जरूरतमंदों पर इनकी गिद्ध दृष्टि रहती है. जैसे ही कोई जरूरतमंद इनकी जाल में फंस जाता है तो उनसे ब्लड मुहैया कराने के एवज में 1,000 से लेकर 5,000 तक भी वसूल लेते हैं.