देवघर : जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र में जमीन दिलाने के नाम पर अलग-अलग लोगों से करोड़ों रुपये ठगी करने के मामले में देवघर पुलिस ने यूपी अंतर्गत मेरठ में छापेमारी की. ठगी करने वाले आरोपित जसीडीह कजरिया कॉलोनी हुनमान मंदिर के समीप निवासी शैलेंद्र कुमार सहित उसकी पत्नी शिवानी देवी को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार शैलेंद्र व उसकी पत्नी शिवानी को लेकर छापेमारी टीम वापस आ रही है. इस संबंध में एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि छापेमारी टीम वहां तीन दिनों से कैंप कर शैलेंद्र व शिवानी को खोज रही थी. मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की, तो दोनों पुलिस के हत्थे चढ़े. एसपी ने इसे देवघर पुलिस की बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि इन दोनों पर देवघर नगर थाने में दो व जसीडीह थाने में तीन एफआइआर दर्ज हैं.
पुलिस को पता चला है कि जसीडीह इंडस्ट्रीयल एरिया में जमीन दिलाने के नाम पर करीब एक दर्जन से अधिक लोगों से मोटी रकम ठगा गया है. कई शिकायतकर्ता पुलिस तक पहुंचे हैं. सभी मामलों में जांच-पड़ताल चल रही है. इसके अलावा जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि शैलेंद्र ने बोकारो व जमशेदपुर में भी लोगों से रुपयों की ठगी की है.
नवंबर में सुदीप ने दर्ज करायी है एफआइआर
विलियम्स टाउन निवासी सुदीप कुमार ने व्यवसाय करने के नाम पर अमानत में खयानत करने व धोखाधड़ी किये जाने का एफआइआर नवंबर में दर्ज कराया है. मामले में जसीडीह कजरिया कॉलोनी हुनमान मंदिर के समीप निवासी शैलेंद्र कुमार व उसकी पत्नी शिवानी को आरोपित बनाया है.
जिक्र है कि व्यवसाय के सिलसिले में शैलेंद्र कोर्ट रोड स्थित उसकी दुकान में मिला. उधार सामान का लेनदेन करने लगा. दोस्ती का हाथ बढ़ाया और परिजनों के साथ उसके विलियम्स टाउन आवास में आकर मिला. उसी क्रम में शैलेंद्र ने व्यावसायिक पार्टनरशिप डीड बनाया. शैलेंद्र ने जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र में श्री श्याम लघु उद्योग हेतु अपने नाम से रजिस्टर्ड डीड द्वारा 9000 वर्गफीट जमीन लिया. उसी पर पार्टनरशिप व्यावसायिक कार्य के लिये शैलेंद्र के एकाउंट में 1,15,000 लाख रुपया ट्रांसफर किया व 13 अक्तूबर को 350000 रुपया नगद दिया.
पुन: मांग करने पर पिता शंभू प्रसाद सिंह के एकाउंट से 10,00,000 रुपये दिया. गारंटी के तौर पर 15,25,000 रुपये का अलग-अलग चेक पिता व उनके नाम पर काटकर दिया. 10 सितंबर को शैलेंद्र से व्यवसाय शुरु करने कहा तो टाल-मटोल करने लगे. कारखाने का कंस्ट्रक्शन व मशीन के बारे में पूछताछ करने पर टाल-मटोल करने लगा. कहा कि कुछ दिनों तक कार्य शुरू नहीं कर सका, तो दोनों को राशि वापस कर देगा. कुछ दिनों बाद पता किया तो जानकारी हुई कि काम शुरू नहीं हुआ.
इसके बाद पता करने उसके कजरिया आवास पर गया, जहां ताला बंद मिला. पूछने पर आसपास के लोग कुछ बता नहीं सके. शैलेंद्र द्वारा दिये गये दो मोबाइल पर संपर्क किया तो स्वीच ऑफ बताया. उसके आवास पर अन्य लोगों से मुलाकात हुई. उनलोगों से भी वह व्यवसाय में भागीदारी की बात कह कर मोटी रकम ले लिया. यह भी पता चला कि शैलेंद्र पत्नी शिवानी के साथ मिलकर कारोबार में साझेदारी का झांसा देता था और मोटी रकम ठगी कर लेता था.