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पालोजोरी : संताली सभ्यता व संस्कृति सहेजने की जरूरत

पालोजोरी : प्रखंड मुख्यालय स्थित एवर ग्रीन मैदान में रविवार को आदिवासी जागृति मंच के बैनर तले सोहराय मिलन समारोह का आयोजन हुआ. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ हेम कुमार टुडू, सेवानिवृत्त शिक्षक सोनालाल हेम्ब्रम, बीइइओ मारसीला सोरेन, महासचिव आदिवासी महासभा पशुपति कोल, मुखिया बाबूराम मुर्मू व मंच के सदस्य […]

पालोजोरी : प्रखंड मुख्यालय स्थित एवर ग्रीन मैदान में रविवार को आदिवासी जागृति मंच के बैनर तले सोहराय मिलन समारोह का आयोजन हुआ. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ हेम कुमार टुडू, सेवानिवृत्त शिक्षक सोनालाल हेम्ब्रम, बीइइओ मारसीला सोरेन, महासचिव आदिवासी महासभा पशुपति कोल, मुखिया बाबूराम मुर्मू व मंच के सदस्य सह शिक्षक गोकुल सोरेन ने संयुक्त रूप से किया.
डॉ हेम कुमार टुडू ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी भाषा, संस्कृति व सभ्यता को सहेजने की जरूरत है. सोहराय आदिवासी समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पांच दिनों तक मनाया जाता है. पौष मास की 25 तारीख को यह संपन्न होता है. इस पर्व के माध्यम से गोवंशिय पशुओं की वंदना की जाती है. उन्होंने कहा आदिवासी का अपना धर्म है. अन्य धर्मों की तरह आदिवासी समुदाय के धार्मिक त्योहार में भी सरकारी छुट्टी का प्रावधान होना चाहिए.
ताकि बाहर रह कर काम करने वाले आदिवासी समुदाय के लोग अपने त्योहारों को भी परिवार के साथ मना सकें. वहीं, सोनालाल हेम्ब्रम व बाबूराम मुर्मू ने लोगों को संबोधित करते हुए सोहराय के धार्मिक महत्व व इसे मनाने के बारे में विस्तार से जानकारी दिया.
साथ ही कहा कि पर्व त्योहार में आदिवासी परंपरा के नाम लोग नशा का सेवन कर रहे हैं. जिसके कारण आज समाज का अवनति हो रहा है. आदिवासी समाज की विशिष्टता व विविधता को बचाये रखने की जरूरत है. आदिवासी जागृति मंच द्वारा समाज के उत्थान के लिए किया जा रहा प्रयास तारीफ के काबिल है. मंच का संचालन ललित सोरेन व अरुण बास्की ने किया.
नृत्य प्रतियोगिता में कैराबनी दुधानी की टीम ने बाजी मारी
सोहराय मिलन समारोह के दौरान सोहराय संताली नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया. इसमें क्षेत्र के 12 टीमों की महिलाओं व पुरुषों ने हिस्सा लिया. इसमें निर्णायक मंडली द्वारा कैराबनी दुधानी की टीम को प्रथम, केन्दुवाटांड़ की टीम को द्वितीय जबकि खटंगी की टीम को तृतीय पुरस्कार के लिए चुना गया.
पुरस्कार के रूप में कैराबनी दुधानी की टीम को पांच हजार, केन्दुवाटांड़ को तीन हजार व खटंगी की टीम को दो हजार का नकद पुरस्कार दिया गया. वहीं, अन्य टीमों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में एक-एक हजार रुपया दिया गया. समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने में मंच के गोकुल सोरेन के अलावे राजू चौड़े, लाल किशोर सहित अन्य लोग जुटे हुए थे. कार्यक्रम में आदिवासी संताल समाज के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया.

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