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सूरीनाम के उपराष्ट्रपति ने किया आगाह, संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाये जाने को लेकर रहना होगा तैयार

नयी दिल्ली : सूरीनाम के उपराष्ट्रपति माइकल अश्विन अधीन ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर उठाया जा सकता है और इसके लिए तैयार रहना होगा. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सूरीनाम बातचीत में भरोसा करता है और वह दूसरे […]

नयी दिल्ली : सूरीनाम के उपराष्ट्रपति माइकल अश्विन अधीन ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर उठाया जा सकता है और इसके लिए तैयार रहना होगा. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सूरीनाम बातचीत में भरोसा करता है और वह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में ‘दखल को बढ़ावा’ नहीं देता. अधीन गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

जब उनसे अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर सूरीनाम की राय के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘ ऐसी संभावना है कि (कश्मीर के) मुद्दे को (संयुक्त राष्ट्र महासभा) के सामने उठाया जा सकता है. इससे पहले, अगस्त में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था. अधीन ने कहा कि वह 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में तथा इंडिया कैरिबियन कम्युनिटी एंड कॉमन मार्केट (कैरीकॉम) में भी अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.

जब उनसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनकी यात्रा और कश्मीर मुद्दे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘सूरीनाम तो यह मुद्दा नहीं उठायेगा, लेकिन मेरा अनुमान है कि यह मुद्दा उठाया जायेगा. इसलिए हमें तैयार रहना होगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो महत्वपूर्ण बैठकों (इंडिया पैसफिक लीडर्स मीटिंग और इंडिया कैरिबियन कम्युनिटी एंड कॉमन मार्केट) की सह अध्यक्षता करेंगे.
सूरीनाम के उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक करूंगा और कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 का मुद्दा शायद उठे. इस बीच, विदेश सचिव विजय गोखले ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए शनिवार से हो रही प्रधानमंत्री की सप्ताहभर की अमेरिका यात्रा आतंकवाद पर नहीं, बल्कि भारत की उपलब्धियों और उसकी वैश्विक भूमिका पर केंद्रित होगी.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों का निरस्त किया जाना अंदरूनी मामला है और संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे से परे है. एनजीओ नेशन फर्स्ट द्वारा गुरुवार को आयोजित भोज में अधीन ने भारतीय कंपनियों से सूरीनाम में निवेश करने की अपील की थी. उन्होंने कहा, ‘कृषि और पर्यटन दो ऐसे बड़े क्षेत्र हैं, जहां दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रचुर संभावनाएं हैं और हम अपना हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) भी खोलने जा रहे हैं.

गुरुवार को उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्यान दिया था और बुधवार को पंजाब में लवली व्यासायिक विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था. लवली व्यासायिक विश्वविद्यालय ने उन्हें वेद अध्ययन में मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की. अधीन (39) ने कहा, ‘भारत और सूरीनाम के संबंध 150 साल पुराने हैं, जब भारतीय श्रमिकों को लेकर पहला जहाज हमारे देश में पहुंचा था. भोजपुरी भाषा दोनों देशों को जोड़ती है, जिसे मेरे देश में भारतीय मूल के लोगों ने जिंदा रखा है.’

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