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स्टार्टअप: नौकरी पर निर्भरता को कम करके स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने की अवधारणा

नयी दिल्ली: भारत का युवा पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी की चाह रखता है. हमारी शिक्षा पद्दति और सामाजिक परिवेश भारतीय युवाओं को एक अदद सरकारी नौकरी की ओर प्रेरित करता है. नौकरी सामाजिक प्रस्थिति का विषय बन जाती है. साल 2014 में जब राजग की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप इंडिया-स्टैंडअप […]

नयी दिल्ली: भारत का युवा पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी की चाह रखता है. हमारी शिक्षा पद्दति और सामाजिक परिवेश भारतीय युवाओं को एक अदद सरकारी नौकरी की ओर प्रेरित करता है. नौकरी सामाजिक प्रस्थिति का विषय बन जाती है. साल 2014 में जब राजग की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप इंडिया-स्टैंडअप इंडिया का नारा दिया. इसके लिये प्रधानमंत्री कौशल विकास जैसी योजना लाई गयी. इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को स्वरोजगार की तरफ प्रेरित करना था.

स्टार्टअप कोई नवीन अवधारणा नहीं है. बीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में डॉट कॉम, बूम और बबल जैसी कंपनियों के जरिये ये शब्द लोकप्रिय हुआ था. स्टार्टअप यूरोपिय अवधारणा है. अमेरिका और ज्यादातर यूरोपिय देशों में छात्र पढ़ाई के दौरान अपना कारोबार करने का सोचते हैं. छोटे-मोट इनोवेशन करते हैं और स्वरोजगार पर उनका ध्यान ज्यादा होता है. जबकि भारत में युवा पढ़ाई के दौरान एक अदद सरकारी नौकरी के विषय में सोचता है.

ये समझना आवश्यक है कि स्टार्टअप का मतलब क्या है. हिन्दी में देखा जाए तो नवाचार या नवोन्मेष कहा जायेगा. इसके तहत किसी आइडिया पर किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा काम शुरू किया जाता है. इसमें तकनीक और इंटरनेट का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है. इन कंपनियों में मालिक और प्रबंधक अधिकांशत नये और युवा होते हैं और टीम छोटी होती है. इन कंपनियों के साथ सफलता और विफलता का भारी उतार-चढ़ाव और जोखिम जुड़ा होता है.

क्या है स्टार्टअप इंडिया

स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक पहल है, जिसका 15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से अपने भाषण में उल्लेख किया था. यह 16 जनवरी, 2016 को शुरू हुआ. यह कार्यक्रम मूलतः तीन आधारों पर टिका है- 1. सरलीकरण और सहायता, 2. आर्थिक सहयोग और प्रोत्साहन, 3. उद्योग और शैक्षणिक संस्थाओं की भागीदारी. इस पहल के साथ-साथ इस बात का प्रयास भी हो रहा है कि ऐसी गतिविधियां रोकी जायें, जो उद्यमियों की राह में रोड़े अटकाती हैं. मसलन लाइसेंस, भूमि अधिग्रहण की अनुमति, पर्यावरणीय स्वीकृति वगैरह. सरकार ने नये आइडिया के साथ कारोबार शुरू करनेवालों के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया’ का नारा दिया है.

वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि स्टार्टअप के लिए एक नया टीवी चैनल शुरू किया जायेगा. उन्होंने ये भी कहा था कि स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम तहत 1 करोड़ युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

इसमें सुविधाएं क्या हैं?

स्टार्टअप के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन आधारित कंप्लायंस होगा. पेटेंट एप्लीकेशन फीस में 80 पर्सेंट की छूट मिलेगी. सरकार देशभर में इनक्यूबेशन सेंटर खोलेगी. तीन साल तक स्टार्टअप का कोई इंस्पेक्शन नहीं किया जायेगा. शेयर मार्केट वैल्यू से ऊपर के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट मिलेगी. लाभ होने पर भी तीन साल तक स्टार्टअप को आयकर में छूट मिलेगी. प्रमुख शहरों में पेटेंट के लि‍ए कंसल्टेशन की फ्री व्यवस्था की जायेगी. फास्ट एक्जिट पॉलिसी बनायी जायेगी. कैपि‍टल गेन टैक्स की छूट मिलेगी. 10 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाया जायेगा, जिसमें से प्रत्येक साल 2500 करोड़ रुपये का फंड स्टार्टअप्स को मिलेगा.

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