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पाक की नापाक हरकत: रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए आतंकियों को भेज रहा संदेश, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट

नयी दिल्ली: आतंकवाद के मसले पर पूरी दुनिया में फजीहत झेल रहा पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिशों में लगे हुए हैं. पिछले महीने खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिया था कि पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकी गुजरात के रास्ते […]

नयी दिल्ली: आतंकवाद के मसले पर पूरी दुनिया में फजीहत झेल रहा पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिशों में लगे हुए हैं. पिछले महीने खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिया था कि पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकी गुजरात के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों में लगे हैं. अब जो खबर सामने आ रही है वो और भी ज्यादा हैरान करने वाली है.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने घाटी के कई इलाकों में इंटरनेट, केबल और फोन सेवा बंद कर दी थी. ये फैसला इसलिए लिया गया था ताकि सीमापार से आंतकी घाटी के अलगाववादी एवं उग्रवादी तत्वों से संपर्क ना साध सकें. लेकिन लगता है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है.

आतंक के लिए कोर्ड वर्ड्स का इस्तेमाल

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जो इनपुट दिया है उसके मुताबिक पाकिस्तानी सेना और वहां के विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा घाटी के आंतकवादियों से संपर्क स्थापित करने के लिए कोर्ड वर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है. चूंकि घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद है इसलिए इन कोर्ड वर्ड को एफएम रेडियो ट्रांसमिशन के जरिए भेजा जा रहा है. हिंसा फैलाने के लिए इन तरीकों के खुलासे से हर कोई हैरान है.

पाकिस्तान के राष्ट्रगान के जरिए संदेश

जानकारी मिली है कि इन कोर्ड वर्ड्स को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी के पास लगाए गए एफएम ट्रांसमिशन के जरिए भेजा जा रहा है. बता दें कि आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद के लिए (66/88), लश्कर-ए-तैयबा (A3) और अल बद्र के लिए (D9) कोड रखा है. दिलचस्प है कि संवाद के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रगान कौमी तराना के माध्यम से किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये तरीका बीते 5 अगस्त से ही इस्तेमाल किया जा रहा है.

इन तीन आंतकी समूहों द्वारा उपयोग

खुफिया एजेंसियों ने बताया कि हाई फ्रीक्वेंसी वाले (वीएचएफ) रेडियो स्टेशनों द्वारा पाकिस्तान का राष्ट्रगान कौमी तराना बजाकर नियंत्रण रेखा के नजदीक सिग्नल भेजा जा रहा है. इसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बद्र नाम के आतंकी संगठनों द्वारा किया जा रहा है. ये लोग इन्हीं कोर्ड वर्ड्स के जरिए घाटी के स्थानीय आंतकी कैडरों से संपर्क स्थापित कर रहे हैं.

घाटी में अशांति फैलाने की कोशिश

सूत्रों ने बताया कि एलओसी के नजदीक आतंकियों द्वारा जो वीएफएफ संदेश भेजा जा रहा है, उसका इस्तेमाल हिंसा फैलाने तथा आसपास के गांव वालों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है. पाकिस्तान की सेना इनकी मदद करने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर के वर्तमान एफएम ट्रांसमिशन स्टेशनों को एलओसी के नजदीक ट्रांसफर कर रही है. ये भी जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी सेना के 10 कॉर्प्स कमांडरों को इस काम में लगाया गया है.

नियंत्रण रेखा के पास एक्टिव आतंकी कैंप

भारत के खुफिया सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान समर्थित आंतकी कैंप फिर से सक्रिय हो गए हैं. इसके साथ ही इलाके में सात लॉन्च पैड तैयार किए गए हैं और तकरीबन 275की संख्या में आतंकी भी सक्रिय हैं. घाटी में आंतक तथा अशांति फैलाने के लिए अफगान और पश्तूनों युवाओं को आतंकी कैंपों में शामिल करके प्रशिक्षित किया जा रहा है.

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