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संघ प्रचारक से रक्षा मंत्री फिर गोवा वापसी, जानें पर्रिकर का राजनीतिक सफर

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. मनोहर पर्रिकर की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूम रहीं है. इन तस्वीरों में उनकी सादगी और जमीन से जुड़े नेता की छवि साफ नजर आती है. मनोहर पर्रिकर से जुड़ी कई कहानियां है, जो साबित करतीं हैं कि मनोहर वीवीआईपी कल्चर से […]

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. मनोहर पर्रिकर की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूम रहीं है. इन तस्वीरों में उनकी सादगी और जमीन से जुड़े नेता की छवि साफ नजर आती है. मनोहर पर्रिकर से जुड़ी कई कहानियां है, जो साबित करतीं हैं कि मनोहर वीवीआईपी कल्चर से दूर रहते थे. मनोहर पर्रिकर की यही सादगी उन्हें राजनीति में आगे तक ले गयी. मनोहर पर्रिकर कैसे राजनीति में आये ? गोवा से होते हुए उन्होंने रक्षा मंत्री तक का पद संभाला फिर गोवा वापस लौट गये. आइये जानते हैं पर्रिकर के रानजीतिक सफर के बारे में

संघ प्रचारक से मुख्यमंत्री तक का सफर
मनोहर पर्रिकर ने संघ में प्रचारक के रूप में अपने सफर की शुरुआत की. वह संघ के लिए काम करते रहे लेकिन साल 1994 में पर्रिकर ने पहली बार पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. पर्रिकर पहला चुनाव ही जीत गये. जून 1999 तक वह गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में काम करते रहे. साल 2000 में पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने. 2002 फरवरी में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. जून 2002 में उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया. जनवरी 2005 में सदन चार भारतीय जना पार्टी के विधायकों ने सदन से इस्तीफा दे दिया.
सरकार अल्पमत में आ गयी. पर्रिकर की जगह गोवा के मुख्यमंत्री कांग्रेस के प्रताप सिंह राणे बन गये. 2007 में भाजपा को हार मिली साल 2012 में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी. पार्टी ने 40 में 21 सीटों पर कब्जा किया. पर्रिकर दोबारा गोवा के मुख्यमंत्री बने. गोवा से पर्रिकर का रिश्ता हमेशा अटूट रहा. इस हार जीत के बावजूद भी पर्रिकर नहीं बदले. साधारण पहनावा वीवीआईपी कल्चर से उनकी दूरी जनता के बीच हमेशा चर्चा का विषय रही. अबतक गोवा में पर्रिकर की पहचान एक दिग्गज नेता की हो चुकी थी जिसने चार बार गोवा में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभायी. पर्रिकर की पहचान पहले IITian मुख्यमंत्री के तौर पर बनी है.
केंद्र की सरकार में रक्षा मंत्री बने फिर गोवा वापस चले गये
2012 में गोवा में मिली जीत ने पर्रिकर की पहचान एक बड़े नेता के रूप में स्थापित कर दी थी. पार्टी उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती थी लेकिन पर्रिकर गोवा छोड़ने को तैयार नहीं थे. पर्रिकर को जब राजी किया गया तो उन्हें केंद्र में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी. 2017 तक पर्रिकर केंद्र में रहे लेकिन मार्च 2017 में पर्रिकर तब वापस लौट गये जब गोवा में भाजपा ने बहुमत प्राप्त नहीं किया. गोवा फॉरवर्ड और एमजीपी दलों के साथ मिलकर सरकार बनायी.
इस गठबंधन के साथ राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी. पर्रिकर ने मुख्यंमत्री की जिम्मेदारी संभाली. फरवरी 2018 में उनकी तबीयत खराब होने की चर्चा सामने आयी. . उन्हें मुंबई के लीलावती अस्तपताल में भरती कराया गया. पर्रिकर इलाज के लिए अमेरिका गये. लंबा वक्त उन्होंने अस्पताल में बिताया लेकिन 12 दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान सभी हैरान रह गये जब नाक में पाइप डाले पर्रिकर विधानसभा पहुंचे.

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